आंदोलन खत्म करें किसान : तोमर

Last Updated 27 Jun 2021 01:45:06 AM IST

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने के मौके पर किसानों ने शनिवार को कई राज्यों में राज्यपालों के आवास तक मार्च निकालने का प्रयास किया।


आंदोलन खत्म करें किसान : तोमर

उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करते हुए तीनों विधेयकों के प्रावधानों पर वार्ता बहाल करने की पेशकश की।

दिल्ली की अनेक सीमाओं पर करीब 40 किसान संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) के तहत प्रदर्शन कर रहे हैं। एसकेएम ने दावा किया कि हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा तेलंगाना समेत कुछ राज्यों में प्रदर्शन के दौरान किसानों को हिरासत में लिया गया।

तोमर के हालिया बयानों को हैरान करने वाले और विरोधाभासी बताते हुए किसान संगठन ने कहा कि किसान नेता केंद्रीय कृषि कानूनों में निर्थक संशोधन की मांग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को भाजपा को सजा देनी चाहिए।

एसकेएम की अनेक राज्यों के राज्यपालों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय राजधानी और अन्य शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। यूपी के दूरदराज के गांवों के सैकड़ों किसान दिल्ली सीमा पर गाजीपुर पहुंचे। इनमें से अनेक ट्रैक्टरों पर सवार थे।

भाकियू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से ऑनलाइन बातचीत के बाद उत्तर पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त कार्यालय में अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। भाकियू के मीडिया प्रभारी धम्रेंद्र मलिक ने कहा कि किसानों ने दिल्ली के अपने प्रस्तावित मार्च को रद्द कर दिया।

हरियाणा के कई हिस्सों से किसान राज्य के पंचकूला में गुरद्वारा नाडा साहिब में जमा हुए और बैरिकेडों को पार करते हुए हरियाणा राज भवन की ओर बढ़े। लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला सीमा पर उन्हें रोक लिया गया। एसकेएम ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों को रोकने की क्या जरूरत थी। यह केवल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की बात थी और इसकी भी अनुमति नहीं देना अघोषित आपातकाल को दर्शाता है।’

तोमर ने ट्वीट किया, ‘मैं आपके (मीडिया के) माध्यम से बताना चाहता हूं कि किसानों को अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए .. देश भर में कई लोग इन नए कानूनों के पक्ष में हैं। फिर भी, कुछ किसानों को कानूनों के प्रावधानों के साथ कुछ समस्या है, भारत सरकार उसे सुनने और उनके साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।’

भाषा
नई दिल्ली


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