कोविशील्ड डोज का गैप बढ़ाने की बताई वजह
सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि भारत कोविशील्ड टीके की खुराकों के अंतराल की समीक्षा करेगा।
कोविशील्ड डोज का गैप बढ़ाने की वजह |
डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा सामने आ रहे नए आंकड़ों के आधार पर उचित कदम उठाएगा। अरोड़ा ने कोविड-19 और टीकाकरण संबंधी स्थिति को ‘बहुत परिवर्तनशील’ बताया।
उन्होंने एक बयान में कहा कि आंशिक टीकाकरण बनाम पूर्ण टीकाकरण की प्रभावशीलता के बारे में सामने आ रही रिपोर्ट पर भी विचार किया जा रहा है। अरोड़ा ने कहा कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल को चार-छह हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने का फैसला वैज्ञानिक आधार पर लिया गया था। इस बारे में एनटीएजीआई के सदस्यों के बीच कोई मतभेद नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 और टीकाकरण बहुत परिवर्तनशील हैं। यदि कल टीका निर्माण तकनीक (वैक्सीन प्लेटफॉर्म) में कहा जाता है कि टीके की खुराकों के बीच अंतराल कम करना लोगों के लिए फायदेमंद है, भले ही इससे महज पांच या दस फीसद ही अधिक लाभ मिल रहा हो, तो समिति गुण-दोष तथा समझ के आधार पर इस बारे में फैसला लेगी।यदि ऐसा पता चलता है कि वर्तमान फैसला सही है तो हम इसे जारी रखेंगे।’
अरोड़ा ने बताया कि टीके की खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने का आधार ‘एडेनोवेक्टर टीकों’ से जुड़े बुनियादी वैज्ञानिक कारण था। ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी ‘पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड’ ने अप्रैल के अंतिम हफ्ते में आंकड़े जारी कर बताया था कि टीके की खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतराल होने पर इसकी प्रभावशीलता 65 से 88 फीसद के बीच रहती है।
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