गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई का मामला: Twitter सहित कई पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
गाजियाबाद के लोनी इलाके में मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले में पुलिस ने ट्विटर और कई पत्रकारों के खिलाफ "सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने" के आरोप में केस दर्ज किया है।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित करने के सिलसिले में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, एक समाचार पोर्टल और छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग मुस्लिम गाजियाबाद में कुछ लोगों के कथित हमले के बाद अपनी व्यथा सुनाता दिख रहा है।
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई और उसके आधार पर मंगलवार रात करीब 11.30 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया है कि वीडियो को सांप्रदायिक अशांति भड़काने के इरादे से साझा किया गया था। सोशल मीडिया पर 14 जून को सामने आए वीडियो क्लिप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उसकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा।
गाजियाबाद पुलिस ने मामले में कोई सांप्रदायिक पहलू होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था। पुलिस ने मुसलमानों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने मंगलवार को बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान कल्लू और आदिल के रूप में हुई है। उनके अलावा पोली, आरिफ, मुशाहिद और परवेश गुर्जर भी इस घटना में शामिल थे। पुलिस ने बाद में मंगलवार को क्लिप साझा करने को लेकर ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, समाचार वेबसाइट द वायर, पत्रकारों मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब, कांग्रेस के नेताओं सलमान निजामी, मश्कूर उस्मानी, डॉ शमा मोहम्मद और लेखिका सबा नकवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘इन लोगों ने मामले की सच्चाई की पुष्टि नहीं की और सार्वजनिक शांति को बाधित करने एवं धार्मिक समूहों के बीच विभाजन के इरादे से इसे सांप्रदायिक पहलू देकर ऑनलाइन साझा किया।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, ट्विटर इंक और ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया ने भी इन ट्वीट को हटाने के लिए कोई उपाय नहीं किया।’’
प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी दर्ज किए जाने से कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साधा था।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले पर मंगलवार को कहा कि ऐसी क्रूरता समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। दूसरी तरफ, आदित्यनाथ ने ,गांधी पर समाज में जहर फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस नेता उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना बंद करें।
राहुल गांधी ने इस घटना से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।’’
योगी आदित्यनाथ ने उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘‘प्रभु श्री राम की पहली सीख है-‘‘सत्य बोलना’’ जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।’’
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