ट्विटर के लिए खतरनाक हो सकता है टकराव!
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र से सीधा टकराव ट्विटर के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
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तुर्की और नाइजीरिया में ट्विटर के खिलाफ हैशटैग से समाज और राजनीति को प्रभावित करने के आरोप सामने आए हैं। इसी बीच ट्विटर ने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट का सत्यापन चिह्न हटाकर विवाद और बढ़ा दिया। हालांकि उसे वापस स्थापित कर दिया, लेकिन आरएसएस के पांच बड़े नेताओं के सत्यापित अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया गया। इनमें से चार नेताओं के शाम होते होते फिर से स्थापित कर दिया गया।
भारत सरकार ने फेसबुक, ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया कंपनियों में भारत के नागरिकों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी नियुक्त करने का कानून बनाया है। सरकार चाहती है कि जो उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपना खाता सत्यापित करना चाहें उनके लिए एक सरल तंत्र प्रदान किया जाए।
इसी बीच टूलकिट विवाद उठा तो जांच एजेंसियों ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया। तब ट्विटर ने पुलिस के माध्यम से खुद को धमकाने का आरोप लगाकर दुनिया में देश की छवि धूमिल करने की कोशिश शुरू कर दी। दुनिया में यही एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां हर देश के प्रमुख राजनेता, नौकरशाह और शीर्ष संस्थान सर्वाधिक सक्रिय हैं। ट्विटर किसी भी मुहिम को बढ़ाने या यूं कहें कि विचारधारा बनाने के लिए हैशटैग के जरिए एक माध्यम उपलब्ध कराता है।
ट्विटर ने भारत के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर अकाउंट से सत्यापन का ब्लू टिक हटा कर विवाद को और बढ़ा दिया। इसे फिर से स्थापित कर दिया गया लेकिन आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, सर कार्यवाह सुरेश जोशी, प्रचार प्रमुख अरु ण कुमार, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और सुरेश सोनी के ट्विटर हैंडल से सत्यापन का ब्लू टिक हटा दिया गया है।
शाम होते होते इनमें से सुरेश सोनी के अलावा सभी का ब्लू टिक वापस स्थापित कर दिया गया। जहां ट्विटर इस बारे में प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है वहीं दिल्ली भाजपा सोशल मीडिया सह प्रमुख नीलकांत बख्शी ट्विटर पर सरकार विरोधी तंत्र को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार से विवाद बढ़ने के बाद ट्विटर सीईओ जैक डोरसे के शेयर की वैल्यू एक मार्च में 77 डॉलर से गिरकर अब 59 डॉलर पर आ गई है।
ट्विटर की सफाई
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ब्लू टिक चिह्न हटाए जाने के बाद छिड़े विवाद में ट्विटर ने शनिवार को कहा कि अगर अकाउंट अधूरा है या छह महीने तक निष्क्रिय रहता है तो नियमों के तहत ब्लू बैज अपने आप हट जाता है। ट्विटर ने शनिवार को कहा, ‘निष्क्रियता लॉग इन से संबद्ध है। अकाउंट को सक्रिय रखने के लिए व्यक्ति को छह महीने में कम से कम एक बार लॉग इन करना जरूरी है।’ नियमों के तहत अकाउंट वाले लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका प्रोफाइल पूर्ण है और उसमें या तो सत्यापित ई-मेल या फोन नंबर के साथ ही प्रोफाइल फोटो और नाम शामिल हो।
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