अल्फा से भी ज्यादा घातक है कोरोना का डेल्टा स्वरूप
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार है। कोरोना का यह वैरिएंट भारत में प्रमुख संस्करण है। यह अल्फा से भी ज्यादा संक्रामक है।
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देश में इस वैरिएंट को चिंता का विषय बताया गया है, इसके 12 हजार से ज्यादा मामले अब तक पाए गए हैं। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के अध्ययन में सामने आई है। डेल्टा (बी.1.617.2) अल्फा (बी.1.1.7) की तुलना में 50 फीसद तेजी से फैलता है। वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावनाएं ज्यादा हैं।
वहीं, कोरोना के अल्फा वैरिएंट की बात करें तो अभी तक के अध्ययन में टीका लेने के बाद इस वैरिएंट से एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ है। दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंट को पीछे छोड़ दिया है। भारत में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे प्रमुख वैरिएंट है। एनसीडीसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एचएस कार ने कहा कि अभी कई प्रकार के स्रेत का भी रिव्यू किया जा रहा है।
देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से मृत्यु दर और इसकी गंभीरता के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। कुल 29 हजार जीनोम सिक्वेंसिंग में डेल्टा वैरिएंट के एक हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कोरोना के इस वैरिएंट की देश के लगभग सभी राज्यों में मौजूदगी दर्ज की गई है। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है।
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