ममता बनर्जी का जीवन-परिचय : ममता ने फिर खुद को किया साबित
देश में ‘दीदी’ के नाम से मशहूर पश्चिम बंगाल की तेज तर्रार नेता ममता बनर्जी ने राज्य में लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनकर साबित कर दिया है कि वह राजनीतिक रूप से एक बहुत ही कुशल नेता है और विरोधियों को धूल चटाने में उनका कोई मुकाबला नहीं है।
पश्चिम बंगाल की तेज तर्रार नेता ममता बनर्जी (फाइल फोटो) |
सुश्री बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को राज्य में भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही थी लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुये यह चुनावी लड़ाई जीत ली है।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद तीसरी बार बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
सुश्री बनर्जी (66) पहली बार वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री बनी थी , जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को चुनाव में परास्त किया था और इसी के साथ काफी लंबे समय से प्रदेश में वाम मोर्चा शासन का अंत हो गया।
दूसरी बार उन्होंने वर्ष 2016 के चुनाव में 211 सीट जीतकर अपनी पार्टी की सत्ता बरकरार रखी। हाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में सुश्री बनर्जी ने 213 सीटों पर चमत्कारिक जीत हासिल की।
सुश्री बनर्जी वर्ष 2011 से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री है।
वह राज्य की आठवीं और पहली महिला मुख्यमंत्री हैं।
वह कांग्रेस से अलग होने के बाद 1998 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी या टीएमसी) की स्थापना कर इसकी पहली अध्यक्ष बनीं थीं।
उनके अनुयायी उन्हें ‘दीदी’ कहकर बुलाते थे और बाद में वह पूरे देश में ‘दीदी’ के नाम से मशहूर हो गईं।
सुश्री बनर्जी इससे पहले दो बार रेल मंत्री रह चुकी हैं।
वह रेल मंत्री बनने वाली देश की पहली महिला थीं। वह केंद्र में कोयला मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, युवा मामले एवं खेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री भी रह चुकी हैं।
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