दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के भंडारण, वितरण व्यवस्था के लिए कदम नहीं उठाए : दिल्ली उच्च न्यायालय

Last Updated 05 May 2021 05:46:12 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार ने तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) के भंडारण और राष्ट्रीय राजधानी में इसके वितरण को सरल बनाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।


दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के भंडारण, वितरण व्यवस्था के लिए कदम नहीं उठाए : उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि यह दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (जीएनसीटीडी) की जिम्मेदारी है कि वह शहर में एलएमओ और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए भंडारण केंद्र बनाने की विभिन्न संभावनाओं को तलाशे।
अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार शहर में ऑक्सीजन के भंडारण एवं वितरण की रूपरेखा तैयार करने के लिए दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) की मदद ले सकती है।
इसने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 30 अप्रैल के आदेश के अनुसार ऑक्सीजन का भंडार तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों की है।
पीठ की ये टिप्पणियां और निर्देश उस वक्त आए जब सुनवाई में मौजूद एक वकील ने कहा कि एलएमओ के भंडारण के लिए बड़े स्थिर क्रायोजेनिक टैंक उपलब्ध हैं और जीवनरक्षक गैस का भंडार बनाने के लिए शहर में इन्हें स्थापित किया जा सकता है।
वकील, आदित्य प्रसाद ने कहा कि छोटे टैंकर बड़े टैक से ऑक्सीजन ले सकते हैं और शहर में वितरित कर सकते हैं और इस तरीके से दिल्ली को ऑक्सीजन के परिवहन के लिए केंद्र या अन्य राज्यों पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि टैंकों को सेना की मदद से लगाया जा सकता है।
अदालत ने यह भी गौर किया कि ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता आईनोक्स ऐसे स्थिर क्रायोजेनिक टैंकों का निर्माण करता है और कुछ अन्य भी कर रहे हो सकते हैं तथा यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऑक्सीजन के लिए भंडारण सुविधाएं बनाने के लिए सभी संभावनाएं तलाश करे।
पीठ ने दिल्ली सरकार से उन जरूरी इलाकों की पहचान करने को कहा जहां ऐसे टैंक लगाए जा सकते हैं और शहर में एलएमओ और ऑक्सीजन सिलेंडर दोनों के वितरण के मकसद से ढांचा तैयार करने को भी कहा।
प्रसाद ने अदालत को बताया कि उनकी शोध में कई विक्रेताओं की पहचान की गई है जो ऑक्सीजन भंडार टैंक, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और प्रेशर स्विंग अब्जॉप्र्शन (पीएसए) संयंत्र उपलब्ध कराते हैं और कहा कि दिल्ली सरकार को भी इस तरह का शोध करना चाहिए तथा शहर में ऑक्सीजन के उत्पादन, भंडारण एवं परिवहन के लिए ढांचा तैयार करने के लिए जरूरी उपकरण की खरीद करे।
अदालत ने प्रसाद को अपना शोध दिल्ली सरकार और न्याय मित्र राजशेखर राव के साथ साझा करने को कहा।
पीठ ने दिल्ली सरकार को प्रसाद द्वारा हासिल संविदा दरों को जांचने और जरूरतों को पूरा कर सकने वाले अन्य विक्रेताओं की भी तलाश करने को कहा तथा उन्हें सात मई तक इस पहलु पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
अदालत दिल्ली में कोविड-19 से संबंधित कई मुद्दों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

भाषा
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment