ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार बुधवार को सीएम पद की शपथ लेंगी
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख लगातार तीसरी बार बुधवार को यहां राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी (फाइल फोटो) |
सुश्री बनर्जी ने केवल अपने दम पर राज्य में हुए 292 क्षेत्रों में हुए चुनाव में से 213 सीटों पर शानदार जीत दिलवायी। यह उनका लगातार तीसरा कार्यकाल होगा।
राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘कोविड स्थिति की मौजूदा स्थिति को देखते हुए समारोह (शपथ ग्रहण समारोह) सीमित दर्शकों के साथ होगा।’’
तृणमूल की तेजतर्रार नेता सुश्री बनर्जी ने जख्मी पांव होने के बावजूद पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलायी।
इस दौरान उन्हें हालांकि पूर्वी मिदनापुर जिले में स्थित नये विधानसभा क्षेत्र नंदीग्राम में अपने पुराने सहयोगी एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शिवेंदु अधिकारी के हाथों 2000 से कम मतों से हार का सामना भी करना पड़ा।
इस हार के बावजूद भारतीय संविधान सुश्री बनर्जी को अगले कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनने का अधिकार भी देता है। लेकिन इसके लिए उन्हें छह महीनों के भीतर विधानसभा (या विधान परिषद) के किसी भी सीट से निर्वाचित होना होगा।
यह पहली बार नहीं है, जब सुश्री बनर्जी बगैर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। वर्ष 2011 में भी तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार को अपदस्थ करने के बाद भी उन्होंने बिना विधानसभा का चुनाव लड़े मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बाद में वह भवानीपुर सीट से चुनाव लड़कर जीतीं थी।
देश में अब तक बनी हैं 16 महिला मुख्यमंत्री
देश में अब तक 13 राज्यों असम, बिहार, दिल्ली, गोवा, गुजरात, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में 16 महिला मुख्यमंत्री बनी हैं।
सुश्री ममता बनर्जी बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। इन महिला मुख्यमांियों में सुचेता कृपलानी, नंदिनी सत्पति , शशिकला काकोदर, अनवारा तैमूर, वीएन जानकी रामचंद्रन, जे जयललिता, मायावती, राजिंदर कौर भट्टल, राबड़ी देवी, सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित, उमा भारती, वसुंधरा राजे, ममता बनर्जी, आनंदीबेन पटेल और महबूबा मुफ़्ती शामिल हैं।
इनमें से चार मुख्यमंत्री स अक्षर से हैं जिनमें सुचेता कृपलानी, शशिकला काकोदर, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित शामिल हैं। इनमें से 11 के नाम में अंग्रेजी का टी अक्षर शामिल है।
इनमें से चार मुख्यमंत्री जनवरी महीने में पैदा हुई जिनमें शशिकला काकोदर, मायावती, राबड़ी देवी और ममता बनर्जी शामिल हैं। इनमें से दो मुख्यमंत्री 24 तारीख को पैदा हुई जिनमें अनवारा तैमूर और जयललिता शामिल हैं। वर्ष 1959 में तीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उमा भारती और महबूबा मुफ़्ती पैदा हुई।
पहली मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी 1908 में पैदा हुई जबकि महबूबा मुफ़्ती 1959 में पैदा हुई। सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी 39 साल की उम्र में बनी जबकि सबसे ज्यादा उम्र की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल 73 साल में बनी।
तीन राज्यों से दो मुख्यमंत्री बनी। तमिलनाडु से वीएन जानकी रामचंद्रन और जयललिता तथा उत्तर प्रदेश से मायावती और उमा भारती तथा दिल्ली से शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज का नाम शुमार है।
सबसे ज्यादा पांच बार मुख्यमंत्री बनने का श्रेय जयललिता को गया। संयोग से भारत की पहली मुख्यमंत्री और इस समय वहां सत्ता संभालने जा रही महिलाओं में सुजेता कृपलानी और ममता बनर्जी हैं।
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