ऑक्सीजन : आपदा प्रबंधन कानून लागू
केंद्र ने बृहस्पतिवार को राज्यों को निर्देश दिया कि वे चिकित्सकीय ऑक्सीजन का निर्बाध उत्पादन,आपूर्ति और उसका अंतरराज्यीय परिवहन सुनिश्चित करें। मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस आदेश की अवहेलना होने पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक जवाबदेह होंगे।
चिकित्सकीय ऑक्सीजन |
कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन की मांग में वृद्धि के बाद कुछ राज्यों द्वारा अन्य राज्यों को चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने की खबरों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत यह आदेश जारी किया।
क्या है आदेश
चिकित्सकीय ऑक्सीजन का परिवहन करने वाले वाहनों की राज्यों के बीच आवाजाही पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए और परिवहन निगमों को ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के स्वतंत्रता पूर्वक आनेजाने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
ऑक्सीजन उत्पादकों पर अधिकतम सीमा की कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए और आपूर्तिकर्ता जिस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में स्थित हैं, वहीं के अस्पतालों को जीवन रक्षक गैस की आपूर्ति करेंगे।
शहरों में बिना किसी समय सीमा की पाबंदी के ऑक्सीजन परिवहन में शामिल वाहनों के आनेजाने की आजादी होनी चाहिए और उन्हें बिना किसी रोक-टोक के शहरों के बीच आवाजाही करने दी जाए।
कोई भी प्राधिकार उसके जिले या क्षेत्र से होकर गुजरने वाले या किसी जिले या क्षेत्र में आपूर्ति करने वाले ऑक्सीजन परिवहन वाहन को जब्त नहीं करे।
सरकार ने जिन नौ उद्योगों को छूट दी है, उनके अलावा 22 अप्रैल, 2021 से अगले आदेश तक सभी उद्योगों को औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद की जाती है।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अधिकार प्राप्त समूह -1 द्वारा चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में बनायी गयी और समय-समय में बदली गयी योजना का पालन करें।
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