कुपवाड़ा में घुसपैठ, मादक पदार्थों की तस्करी की बड़ी कोशिश नाकाम
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की रक्षा में तैनात सतर्क सुरक्षा बलों ने बुधवार को सीमा पार घुसपैठ और मादक पदार्थों की तस्करी के प्रयास को नाकाम कर 10 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किये जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है।
कुपवाड़ा में घुसपैठ, मादक पदार्थों की तस्करी की बड़ी कोशिश नाकाम |
लेफ्टिनेंट कर्नल एमरॉन मुसावी ने बताया कि यह पिछले एक सप्ताह में पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित ‘नाकरे टेरर मॉडल’ का यह लगातार दूसरा पर्दाफाश है।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने कल रात तंगधार सेक्टर के आगे के क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी के प्रयास को नाकाम कर दिया और 10 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किए, जिनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है।
उन्होंने बताया कि इसी क्षेा में पिछले सप्ताह एक संयुक्त अभियान में 10 किलोग्राम हेरोइन की खेप बरामद की गयी थी हालांकि इस बार तस्करों को एलओसी पर नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा गया। सेना और बीएसएफ की सतर्कता से पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ आये तस्करों को बाड़ को पार करने का अवसर नहीं मिल पाया।
Indian Army, BSF along with Jammu and Kashmir Police foiled a Narco smuggling attempt in Tangdhar Sector yesterday & recovered 10 kgs of drugs worth approximately Rs 50 crores: Army pic.twitter.com/4pzJK3wCcb
— ANI (@ANI) April 14, 2021
लेफ्टिनेंट कर्नल मुसावी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जब उन्हें ललकारा तो वे अपनी खेप छोड़कर भाग खड़े हुए। इस हरकत में शामिल करनाह तहसील के निवासियों की पहचान शुरू कर दी गयी है। स्थानीय सूत्रों ने आगामी दिनों में कुछ सरगनाओं की गिरफ्तारी की संभावना की जतायी है।
लेफ्टिनेंट कर्नल मुसावी ने बताया कि कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के लिए नाकरे आतंकवाद पाकिस्तान का सबसे पसंदीदा मॉडल रहा है।
सशस आतंकवादियों के साथ तस्करों को भेजने की पाकिस्तान की इस कोशिश ने दोनों के बीच की सांठगांठ को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हैंडलर्स इस सांठगांठ को नियांित करते हैं। उन्हें मादक पदार्थों की तस्करी के बदले में जो पैसे मिलते हैं, उसे वे पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की फंडिंग में इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस नाकरे-आतंकवाद सांठगांठ में पाकिस्तानी सेना प्रमुख रूप से शामिल है जिसमें एलओसी के दोनों तरफ के नागरिकों को का इस्तेमाल किया जाता है। लेफ्टिनेंट कर्नल मुसावी ने कहा कि माता-पिता और सिविल सोसायटी से आग्रह किया गया है कि वे समाज के बड़े लाभ के लिए खतरे से लड़ने के लिए अपनी भूमिका मजबूत बनायें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नापाक मंसूबों ने न केवल जम्मू-कश्मीर के युवाओं को प्रभावित किया है, बल्कि पीओके में रहने वाले लोगों पर भी काफी बुरा असर पड़ा है, जो मादक पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं और उनकी तस्करी में भी लिप्त हैं।
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