दूसरी लहर का पीक इसी माह

Last Updated 03 Apr 2021 07:54:00 AM IST

वैज्ञानिकों ने एक गणितीय मॉडल का इस्तेमाल कर अनुमान जताया है कि देश भर में जारी कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएगी। इसके बाद मई के अंत तक संक्रमण के मामलों में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है।


दूसरी लहर का पीक इसी माह

भारत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान, ‘सूत्र’ नाम के इस गणितीय दृष्टिकोण ने अनुमान व्यक्त किया था कि संक्रमण के मामले शुरू में अगस्त में बढ़ेंगे और सितम्बर तक चरम पर होंगे और फिर फरवरी 2021 में कम हो जाएंगे। आईआईटी कानपुर के म¨नद्र अग्रवाल समेत अन्य वैज्ञानिकों ने इस मॉडल का प्रयोग संक्रमण के मामलों में वर्तमान वृद्धि की प्रवृत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया और पाया कि वैश्विक महामारी की जारी लहर में संक्रमण के रोजाना के नए मामले अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएंगे।

अग्रवाल ने कहा, पिछले कई दिनों में हमने पाया कि इस बात की बहुत आशंका है कि भारत में मामले 15 से 20 अप्रैल के बीच बहुत बढ़ जाएंगे। यह बहुत तेजी से चढ़ता ग्राफ है लेकिन मामलों में गिरावट भी इतनी ही तेजी से होगी और मई के अंत तक मामले बेहद कम हो जाएंगे। उन्होंने कहा, तेज वृद्धि के कारण रोजाना के नए मामलों की चरम संख्या का अनुमान लगाने में कुछ अनिश्चितता है। वर्तमान में हर दिन एक लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं लेकिन यह बढ़ या घट सकता है। पर समय वही रहेगा 15 से 20 अप्रैल के बीच।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मौजूदा लहर में पहला राज्य जहां कुछ दिनों में मामले चरम पर पहुंचेंगे वह पंजाब हो सकता है और उसके बाद महाराष्ट्र। हालांकि, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने कहा कि नए शीर्ष को लेकर मॉडल का अनुमान संक्रमण के रोजाना के मामलों के डेटा के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा, प्रतिदिन मामलों में थोड़ा सा भी परिवर्तन चरम संख्या में कई हजार संख्या का बदलाव आ सकता है। लेकिन मामलों के चरम पर पहुंचने का वक्त वही मध्य अप्रैल रहेगा।

एसएनबी
नई दिल्ली


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