आरएसएस की जमीनी स्तर पर गांवों व छात्रों तक पहुंच बनाने की योजना

Last Updated 19 Mar 2021 10:35:35 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को कहा कि आरएसएस वर्ष 2024 तक छात्रों और गांवों में जमीनी स्तर पर पहुंच बनाने का इच्छुक है।


आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य

वैद्य ने कहा, "आरएसएस के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ रही है। सभी हमसे जुड़ नहीं सकते हैं, लेकिन यह निश्चित है कि वे इसके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। अपने अतीत और वर्तमान के अनुभवों के आधार पर हम चर्चा करेंगे कि शाखाओं की संख्या कैसे बढ़ाई जाए और हम अपनी भूमिका का विस्तार कैसे करें।"

उन्होंने कहा, "अगले तीन सालों में हम देश भर में अपनी शाखाओं को बनाना और पूरा करना चाहेंगे।"

दो दिवसीय वर्चुअल बैठक के बीच मीडिया से बात करते हुए संयुक्त महासचिव ने कहा कि उच्चतम निर्णय लेने वाली संस्था - अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) के सदस्य अगले कुछ वर्षों में देश भर में संघ के नेटवर्क विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मनमोहन वैद्य और आरएसएस के अन्य शीर्ष नेताओं ने भी शुक्रवार को कार्यक्रम में भाग लिया। लगभग 1500 सदस्य इस आयोजन में शामिल हुए। इसमें बेंगलुरु के 450 सदस्यों ने भाग लिया, जबकि शेष विभिन्न राज्यों में आरएसएस मुख्यालय में ऑनलाइन सुविधाओं के माध्यम से जुड़े।

मीडिया को संबोधित करते हुए वैद्य ने कहा कि एबीपीएस की बैठक में कोविड महामारी और राम मंदिर के लिए धन जुटाने के अभियान के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं पर चर्चा की गई और इसने आरएसएस को स्पष्ट तस्वीर दी कि इसके नेटवर्क का विस्तार कैसे किया जा सकता है।

उनके अनुसार, देश भर में 6,495 तालुकों में से 85 फीसदी में आरएसएस की शाखाएं हैं, जबकि 58,500 मंडलों (समूहों/क्लस्टर) के 40 फीसदी में सक्रिय शाखाएं हैं। मंडल 10-12 गांवों का एक समूह होता है। 20 फीसदी समूहों में सिर्फ संपर्क केंद्र हैं और इनमें पूर्ण रूप से शाखाएं नहीं हैं।

वैद्य ने कहा कि शाखाओं में भी तीन श्रेणियां हैं - छात्र, युवा और 40 वर्ष से अधिक वाले लोग। लेकिन, उन्होंने देश भर में शाखाओं की सही संख्या नहीं बताई। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी शनिवार को दी जाएगी। "हमारा मुख्य उद्देश्य युवाओं तक पहुंचना है। इसलिए, आरएसएस ने छात्रों और युवाओं को आकर्षित करने के लिए शाखाओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है। मौजूदा शाखाओं में 60 प्रतिशत छात्रों को समर्पित हैं, जबकि 18 साल से ऊपर और 40 साल से कम उम्र के लोगों के लिए 29 प्रतिशत शाखाएं हैं। केवल 11 फीसदी शाखाएं 40 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए हैं।"

सह सरकार्यवाह ने आगे कहा कि आरएसएस की सामाजिक शाखा सेवा भारती कोविड महामारी (मार्च 2020 के बाद) के दौरान 5,00,000 से अधिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से 92,656 स्थानों को कवर करने में सक्षम रही।

उन्होंने कहा, "इस अवधि के दौरान हमने 73 लाख राशन किट, 4.5 करोड़ भोजन के पैकेट, 60,000 से अधिक यूनिट ब्लड, 90 लाख मास्क वितरित किए और 20 लाख से अधिक प्रवासी कामगार सहित 2.5 लाख खानाबदोश लोगों को भी सहायता पहुंचाई।"

आईएएनएस
बेंगलुरु


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