रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा करने की मांग वाली याचिका पर 25 मार्च को होगी सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह उस नयी याचिका पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को फौरन रिहा करने और उन्हें म्यांमा प्रत्यर्पित करने वाले किसी भी आदेश को लागू करने से केंद्र को रोकने का अनुरोध किया गया है।
रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा करने की मांग वाली याचिका पर 25 मार्च को होगी सुनवाई |
मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की दलीलों पर गौर किया कि हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमा प्रत्यर्पित किया जा सकता है जहां सेना ने तख्तापलट कर दिया है और हिंसा हो रही है। पीठ ने पहले कहा था कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘ठीक है फिर हम बृहस्पतिवार को रोहिंग्या मामले पर सुनवाई करेंगे।’’
पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम भी शामिल हैं।
11 मार्च को एक अंतरिम याचिका दायर कर जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तुरंत रिहा करने और केंद्र को उन्हें प्रत्यर्पित करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।
रोहिंग्या शरणार्थी मोहम्मद सलीमुल्ला द्वारा वकील भूषण के जरिए दायर अर्जी में कहा गया कि भारत में शरणार्थियों के प्रत्यर्पण के खिलाफ सुरक्षा एवं संरक्षण के अधिकार के तहत जनहित में यह याचिका दायर की गई है।
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