राज्यसभा में उठी राममनोहर लोहिया और बीजू पटनायक को भारत रत्न देने की मांग
राज्यसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के एक सदस्य ने प्रख्यात समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया तथा बीजू जनता दल के एक सदस्य ने स्वाधीनता सेनानी एवं ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ देने से सम्मानित किए जाने की मांग की।
|
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान सपा के विशम्भर प्रसाद निषाद ने कहा कि राममनोहर लोहिया ने देश की आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ दांडी यात्रा और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘लोहिया जी के बारे में जितना कहा जाए, वह कम है। उन्हें तो बहुत पहले ही भारत रत्न मिल जाना चाहिए था। हमारे नेता मुलायम सिंह यादव ने भी कई दफा यह मांग संसद में उठाई है।’’
निषाद ने कहा कि 23 मार्च को लोहिया की 111वीं जयंती है और सरकार को इस अवसर पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि सरकार लोहिया जी को उनकी 111वीं जयंती पर भारत रत्न से नवाजने का काम करे।’’
शून्यकाल में ही बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने ओड़िशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के योगदानों का उल्लेख करते हुए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘‘भारत रत्न’’ से सम्मानित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे स्वाधीनता सेनानी रहे जिन्हें वह उचित सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।
उन्होंने कहा, ‘‘बीजू पटनायक ऐसे स्वाधीनता सेनानी थे जिन्होंने तीन देशों की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। जब उनका निधन हुआ तो तीन देशों को झंडा झुकाया गया था। उनमें रूस, इंडोनेशिया और भारत शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीजू बाबू जैसे नेता को आज तक भारत रत्न नहीं मिला। यह उन्हें मिलना चाहिए। मैं हाथ जोड़कर सभी सदस्यों से विनती करता हूं कि वह भी बीजू बाबू को भारत रत्न देने का समर्थन करें।’’
खान ने एक पायलट के रूप में कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में बीजू पटनायक के योगदान और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की स्थापना किए जाने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज आत्मनिर्भर भारत की बात हो रही है लेकिन उन्होंने 60 साल पहले ही एचएएल की स्थापना कर आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी थी। यह उनकी सोच थी।’’
स्वाधीनता सेनानी बीजू पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता था और वह केंद्र में मंत्री भी बने थे।
शून्यकाल के दौरान ही रसोई गैस की बढती कीमतों का मामला भी उठा। त्रिपुरा से माकपा की सदस्य झरना दास वैद्य ने इस मामले को उठाते हुए इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता को रसोई गैस की बढी हुई कीमतें चुकानी पड़ रही है और इसका बुरा असर लोगों की जीवन पर पड़ रहा है।
छत्तीसगढ से भाजपा के सदस्य रामविचार नेताम ने राज्य के सूरजपूर जिले के एक चीनी कारखाने में भ्रष्टाचार और इससे किसानों को हो रहे नुकसान का मामला उठाया। उन्होंने इस मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
| Tweet |