किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग पर विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा कल तक लिए स्थगित

Last Updated 10 Mar 2021 01:40:53 PM IST

राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल में कार्यवाही बाधित हुयी और सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।


सदन में शून्यकाल शुरू होते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए जाने का जिक्र किया और कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि किसानों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलनरत हैं।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा व राजीव सातव, राजद के मनोज झा और द्रमुक के टी शिवा की ओर से उन्हें किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं। इसके अलावा बसपा के अशोक सिद्धार्थ की ओर से एक नोटिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा के लिए मिला है।

उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा होनी है और उस दौरान सदस्य किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

सभापति ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा से संबंधित नोटिस को वह पहले ही खारिज कर चुके हैं। अन्य सदस्यों के नोटिसों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले चरण में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, इसलिए उन्होंने इन नोटिसों को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज के अलावा विनियोग विधेयक आदि पर भी चर्चा होनी है। इच्छुक सदस्य उन चर्चाओं में अपनी बात रख सकते हैं।

इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

हंगामे को देखते हुए उन्होंने 11 बजकर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर सदन में हंगामा जारी रहा और कई विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।

उपसभापति हरिवंश ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने शोर के बीच ही पूरक सवालों का जवाब देने का प्रयास किया लेकिन शोरगुल के कारण उनकी बात पूरी तरह से नहीं सुनी जा सकी।

उपसभापति ने कहा कि नोटिसों के संबंध में सभापति ने स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है और उनके फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में हंगामा नहीं थमते देख उन्होंने 12 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। उपसभापति हरिवंश ने माध्यस्थम और सुलह संशोधन विधेयक 2021 पर चर्चा की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह अध्यादेश से संबंधित विधेयक है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का निपटारा हमारा संवैधानिक दायित्व है।

नेता प्रतिपक्ष खडगे ने कहा कि विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही को बाधित करने यहां नहीं आए हैं और वे भी चाहते हैं कि सदन चले। उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग है कि पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो।

उपसभापति ने उनकी मांग अस्वीकार करते हुए कहा कि इस संबंध में सभापति ने सुबह ही व्यवस्था दी है और वह उस फैसले पर पुनर्विचार नहीं कर सकते।

हंगामे के बीच ही सदन ने माध्यस्थम और सुलह संशोधन विधेयक 2021 को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। इसके बाद करीब ढाई बजे सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

भाषा
नयी दिल्ली


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