मोदी ने त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच मैत्री सेतु का शुभारंभ किया

Last Updated 09 Mar 2021 10:19:16 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों को बांग्लादेश के साथ ही एक व्यापार गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

दिल्ली से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़क, रेल, वायुमार्ग और जलमार्गों के विकास के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है और बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र को व्यापार गलियारे के रूप में विकसित करने के लिए नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

पांच परियोजनाओं का उद्घाटन और 3,518 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ चार परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा, "विभिन्न बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, न केवल भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में, बल्कि बांग्लादेश में भी आर्थिक अवसर काफी हद तक बढ़ेंगे।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन किया। उन्होंने त्रिपुरा में कई विविध आधारभूत संरचनाओं का उद्घाटन किया और उनकी आधारशिला रखी। इस अवसर पर बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया।

मोदी ने कहा कि उन्होंने कुछ साल पहले बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के साथ मिलकर फेनी नदी पुल की आधारशिला रखी थी और आज (मंगलवार) संयुक्त रूप से पुल को यातायात के लिए खोल रहे हैं।

हसीना ने ढाका से वर्चुअल तरीके से समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश सरकार ने पहले ही भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों को न केवल चटगांव और मोंगला समुद्री बंदरगाहों बल्कि चटगांव हवाई अड्डे तक पहुंचने की अनुमति देने की घोषणा की है।

उसने कहा, "बांग्लादेश ने मैत्री सेतु के निर्माण के लिए आवश्यक समर्थन बढ़ाया था। चटगांव और मोंगला समुद्री बंदरगाहों के उपयोग से त्रिपुरा और कोलकाता बंदरगाहों के बीच की दूरी मौजूदा 1600 किमी से 100 किमी से भी कम हो जाएगी।"

फेनी पुल ने भारत के (दक्षिणी त्रिपुरा) सीमावर्ती शहर सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ा है। चटगांव समुद्री बंदरगाह से सड़क मार्ग से त्रिपुरा का सबरूम 72 किमी दूर है।

हसीना ने कहा, "हम पूरी तरह राजनीतिक सीमा को दूर करना चाहते हैं। हमारे बीच कोई राजनीतिक और आर्थिक बाधा नहीं होनी चाहिए। सीमा पार परिवहन प्रणाली भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की सामाजिक-आर्थिकस्थिति को बढ़ावा देगी।"

उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने क्षेत्र को समृद्ध एवं विकसित करने के इच्छुक हैं। हसीना ने व्यापार एवं वाणिज्य में काफी हद तक सुधार और विस्तार किए जाने पर भी जोर दिया।

उसने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बांग्लादेश त्रिपुरा के योगदान, मदद और समर्थन को नहीं भूला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को 3,518 करोड़ रुपये की नौ मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

आईएएनएस
अगरतला


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