किसान आंदोलन : बॉर्डरों पर लौटी रौनक, डटे बुजुर्ग
नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के 75 दिन बाद भी किसानों का हौसला बरकरार है। हालांकि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बार्डर पर किसानों की संख्या कुछ कम हो गई थी, लेकिन अब फिर से किसान वापस आने लगे हैं और बार्डर पर रौनक लौटने लगी है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान सिंघु बार्डर पर धरने पर बैठे किसान। फोटो : प्रेट्र / अनिल सिन्हा |
इनमें बुजुगरे की संख्या बहुत अधिक है। टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बार्डर पर लंगर शुरू हो गया है। उधर पुलिस ने भी सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं। यहां जगह-जगह सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है। इनमें बड़ी संख्या में महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
सोमवार को भी बार्डरों पर पुलिस का कड़ा पहरा देखने को मिला। बार्डर के आसपास पुलिस की टीम लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी हालात पर निगरानी बनाए हैं। वे वहां की गतिविधियों से अपने आलाधिकारियों को अवगत करा रहे हैं। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है। वहीं किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए तीनों ही बार्डरो पर बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। इसके अलावा बार्डरों के आसपास के थानों के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को भी वहां तैनात किया गया है।
किसान आंदोलन के चलते यातायात व्यवस्था भी प्रभावित है। ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों को जाम से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दे रही है। गाजीपुर बॉर्डर बंद है। एनएच-24, रोड नंबर 56, 57ए, कोंडली, पेपर मार्केट, टेल्को टी प्वाइंट, ईडीएम मॉल, अक्षरधाम और निजामुद्दीन खत्ता से यातायात को मोड़ दिया गया है।
दिल्ली-गाजीपुर सीमा बंद होने के कारण यात्री आनंद विहार, चिल्ला, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर का यातायात के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से भी यातायात को मोड़ दिया है और यात्रियों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके और एनएच-44 से बचने की सलाह दी गई है।
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