नये कृषि कानूनों के मुद्दे पर हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
विवादों में घिरे नये कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को आरंभ होने के करीब 10 मिनट बाद शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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सदन की कार्यवाही शुरु होते ही पिछले कुछ दिनों की तरह आज भी कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।
शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल आगे बढाया। इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न के उत्तर दिए।
इस बीच, सदन में नारेबाजी जारी रही। कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाए। तृणमूल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े नजर आए।
सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनता ने आपको संवाद और चर्चा के लिए भेजा है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें आप सरकार से जवाब मांग सकते हैं। आपको जनता ने नारे लगाने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा है। यह संसदीय परंपराओं के अनुरुप नहीं है। आप माननीय हैं, माननीय जैसा व्यवहार कीजिए। अपने स्थान पर जाइए और प्रश्नकाल को चलने दीजिए।’’
सदन में हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने करीब चार बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसद के बजट सत्र में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार पांचवे दिन सोमवार को प्रश्नकाल नहीं हुआ।
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