उत्तराखंड जलप्रलय : पीएम ने की 2-2 लाख अनुग्रह राशि की घोषणा

Last Updated 08 Feb 2021 01:41:22 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर में आई दरार के कारण अचानक आई भीषण बाढ़ में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये बतौर अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।


उत्तराखंड जलप्रलय : पीएम ने की 2-2 लाख अनुग्रह राशि की घोषणा

प्रधानमंत्री ने आपदा में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के लिए 50,000 रुपये मुआवजे की भी घोषणा की। ये राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से पीड़ितों को दी जाएगी, जिसका उपयोग बाढ़, चक्रवात और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर में दरार के कारण हुए दुखद हिमस्खलन के कारण अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि मंजूर की है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट कर कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि वह उत्तराखंड के दुर्भाग्यपूर्ण हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

उन्होंने लिखा, भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र वहां हर किसी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों के बारे में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।"

गंगा नदी के छह स्रोतों में से एक धौलीगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद हुई इस घटना में करीब 150 लोग लापता हैं और कई घायल हो गए हैं। 85 किमी की यह नदी उत्तराखंड के जोशीमठ पर्वत के बेस पर विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।

ऋषि गंगा में करीब सुबह 10.45 बजे अचानक बाढ़ आ गई। एक ग्लेशियर के गिरने और तेजी से पानी की धारा चलने से ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह तहस-नहस हो गया।

जैसे ही ऋषि गंगा की मुलाकात रेनी गांव के पास धौलीगंगा से होती है, दूसरी नदी में भी बाढ़ आ गई। बाढ़ में गांव के पांच से छह घर भी बह गए और तपोवन के पास धौली गंगा नदी पर एनटीपीसी की एक परियोजना पूरी तरह तहस-नहस हो गई। नदी की दूसरी ओर के गांवों को जोड़ने वाले दो झूला पुल भी बह गए।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सेना और एनडीआरएफ की टीमों के करीब 250 जवान घटना स्थल पर बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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