यदि कृषि कानून वापस नहीं हुए तो अनाज तिजोरियों में रखने का सामान बन जाएगा : टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान रैली को संबोधित करते हुए किसानों को संगठित रहने की अपील की और कहा कि यदि नए कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो अनाज तिजोरियों में रखने का सामान बन जाएगा।
नए कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को भिवानी (हरियाणा) में आयोजित किसान रैली को संबोधित करते भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत। फोटो : एसएबी |
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने देश की मिट्टी व पानी साथ रखें, ताकि उन्हें किसान होने का एहसास होता रहे। उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांगें हैं जिनमें कृषि कानून वापस हो, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले व किसानों पर दर्ज केस वापस हों।
उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ कानून वापसी की मांग की जा रही है ऐसे में सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए। यदि किसान सरकार वापसी की मांग करने लगे तो सरकार को और भी मुश्किल हो जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, जिससे उनका खेत व वातावरण शुद्ध हो।
टिकैत ने कहा कि भाजपा को आठ-दस नेताओं ने पंजाब व हरियाणा में सिक्ख व नॉन सिक्ख में बांटने की कोशिश की, जबकि उनके इन प्रयासों से वे और भी संगठित हुए। अब यह किसान आंदोलन देश के हर राज्य तक पहुंच रहा है। किसान नेता राजेश टिकैत ने कहा कि पंजाब के भाईयों ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी, वे अब भी बेहतर तरीके से इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। हरियाणा के किसानों की जो भी कमेटी आंदोलन की अगुवाई करती रही है, वह इसी तरह आगे भी काम करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि अब तक किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे सभी नेता पूर्णतया संगठित हैं और अब अक्टूबर तक आंदोलन चलेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के शीर्ष नेता पंजाब के बलबीर सिंह राजेवाल ने भिवानी कितलाना टोल पर पहुंचकर किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने की बात कही।
उन्होंने हरियाणा के किसानों का आह्वान किया कि वे भी नेताओं पर दबाव बनाएं तो प्रदेश की खट्टर सरकार अल्पमत में आ जाएगी तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री दौड़कर केंद्र तक जाकर अपनी सरकार बचाने के लिए गुहार लगाएंगे। उनका इशारा जननायक जनता पार्टी के विधायकों पर दबाव बनाने का था, ताकि गठबंधन से जुड़े नेता अलग हो जाए तो प्रदेश सरकार पर दबाव बन सकें।
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