भारत में फिलहाल फाइजर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति नहीं
भारत के ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने फाइजर की कोविड वैक्सीन की मंजूरी पर रोक लगा दी है। इससे पहले विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने कहा कि वह देश में इसके आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के लिए अनुमति देने की सिफारिश नहीं करती है।
फाइजर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति नहीं |
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की घोषणा के बाद ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने भी फाइजर वैक्सीन को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑगेर्नाइजेशन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति ने कई गंभीर प्रतिकूल घटनाओं (एसएई) को नोट किया है। इसलिए अन्य देशों में फाइजर वैक्सीन की मार्केटिंग के बाद ईयूए के लिए इसकी सिफारिश नहीं करने का प्रमुख कारण है।
दस्तावेज के अनुसार, समिति ने जांच परख की, जिसमें निष्कर्ष निकालते हुए कहा गया है, समिति ने नोट किया कि पोस्ट-मार्केटिंग के दौरान पक्षाघात, एनाफिलेक्सिस और अन्य एसएई की घटनाओं की सूचना दी गई है और वैक्सीन के साथ घटनाओं के संबंध में जांच की जा रही है।
इसके अलावा, एसईसी ने नोट किया कि कंपनी ने भारतीय आबादी में सुरक्षा एवं प्रतिरक्षात्मकता डेटा उत्पन्न करने के लिए कोई योजना प्रस्तावित नहीं की है।
दस्तावेज में विशेषज्ञों की समिति के निदेशरें के अनुसार, विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने इस स्तर पर देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति देने की सिफारिश नहीं की है।
अमेरिका स्थित फार्मास्यूटिकल दिग्गज पांच दिसंबर को देश में अपनी कोविड वैक्सीन के ईयूए के लिए आवेदन करने वाली पहली दवा कंपनी थी। इसके बाद पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने छह दिसंबर को कोविशिल्ड के ईयूए के लिए आवेदन किया था। वहीं इसके बाद भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को अपनी कोवैक्सीन के लिए ईयूए के लिए आवेदन किया था।
कोविशिल्ड और कोवैक्सीन दोनों को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल द्वारा ईयूए के लिए तीन जनवरी को अनुमति दी गई थी। देश के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में यही दोनों वैक्सीन लोगों को दी जा रही है।
इस बीच, फाइजर ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने फिलहाल अपना आवेदन वापस ले लिया है और वह एसईसी द्वारा मांगे गए अतिरिक्त डेटा के साथ फिर से आवेदन करेंगे।
बयान में कहा गया, बैठक में विचार-विमर्श और नियामक को अतिरिक्त जानकारी की हमारी समझ के आधार पर, कंपनी ने इस समय अपने आवेदन को वापस लेने का फैसला किया है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि वह फाइजर प्राधिकरण के साथ संपर्क में रहेगी और निकट भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त जानकारी के साथ अनुमति के लिए फिर से आवेदन करेगी।
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