अमरिंदर ने की सिंघू बार्डर हिंसा की निंदा, केंद्र से की जांच कराने की मांग

Last Updated 29 Jan 2021 10:17:24 PM IST

सिंघू बार्डर पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा आज की गई हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार से इसमें संलिप्त लोगों की शिनाख्त कर मामले की गइराई से जांच कराने की मांग की है।


मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह

कैप्टन सिंह ने कहा कि इन लोगों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ कर किसानों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह जांच होनी चाहिये की हमलावर क्या स्थानीय लोग थे और कोई और तत्व और कहां से आये थे। उन्होंने कहा ‘मैं यह विास नहीं कर सकता कि स्थानीय लोग किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर सकते हैं। हुल्लड़बाजों को गड़बड़ी फैलाने के इरादे से किसी अन्य जगह से लाया गया लगता है।’

लाल किले पर हुई हिंसा के मद्देनजर किसानों के खिलाफ शुरु की गई बदनाम करने की मुहिम को तुरंत खत्म करने की माँग करते हुये मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को इसी ढंग से बदनाम किया जाता रहा तो इससे हमारी सुरक्षा सेनाएं जिनमें पंजाबियों का 20 प्रतिशत सम्मिलत है, का मनोबल टूट जायेगा। उन्होंने अन्य को भी सावधान करते हुये कहा कि किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार करने से फूट पड़ सकती हैं जिससे पंजाब के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। उन्होंने मीडिया को भी स्थिति के साथ संजीदगी और सही ढंग से निपटने की अपील की।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘जो कुछ हो रहा और जो कुछ आज सिंघू बार्डर पर हुआ, यही सब कुछ पाकिस्तान चाहता है।’ उन्होंने कहा कि वह लम्बे समय से ही इस बात से चौकस करते आ रहे हैं कि पाकिस्तान, पंजाब की अमन-शांति भंग करने के लिए कृषि कानूनों के मुद्दे पर अराजकता पैदा करने के लिए इस मौके का इस्तेमाल करने का प्रयास करेगा।  

उन्होंने कहा कि यही विषय उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ साझा किया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को बताया था कि पाकिस्तान से हथियार, नशा आदि ड्रोन के माध्यम से आ रहे हैं और इनमें से अनेक पकड़े भी गए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को किसान आंदोलन के दौरान हुई ताजा गड़बड़ और हिंसा में पाकिस्तान की सम्भावित भूमिका की जांच करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ केंद्र सरकार को इस समस्या के हल के लिए बातचीत का रास्ता जारी रखने की सलाह दी। उन्होंने दावा किया ‘मैं अब तक इस मसले को सुलझा देता।’
उन्होंने कहा कि मसले के हल के लिए दोनों पक्षों को दोस्त के तौर पर बात करनी चाहिए, न कि दुश्मन के तौर पर। उन्होंने कहा कि इसका सही रास्ता निकालने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कहा कि आतंकवाद के दौरान पंजाब बहुत बुरे समय में से गुजरा है और अब यहां कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह और उनकी सरकार और पार्टी किसानों के साथ खड़ी है, इसी कारण उन्होंने राज्य में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किये हैं।

वार्ता
चंडीगढ़


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