गाजीपुर बॉर्डर पर जहां देर रात जिस तरह की स्थिति बनी हुई थी, वहीं शुक्रवार सुबह होते ही किसानों के अंदर एक नया जोश पैदा हो गया है।
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आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी बॉर्डर पर अपना समर्थन देने पहुंच गए। जयंत चौधरी ने कहा कि, जो मेरा परिवार रहा, मेरे परिवार का जो इतिहास रहा है वो आज संकट में है। मैं यहां एक नागरिक के रूप में आया हूं और किसानों को अपना समर्थन देने आया हूं।
हमारी पार्टी भी किसानों की पार्टी है, मैं चाहता हूं देश का किसान खड़ा हो, सरकार बल इस्तेमाल कर दबाने की कोशिश कर रही है। मेरी फिलहाल रणनीति वही होगी जो यहां बैठे किसान तय करेंगे।
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी होती है, जनता का अधिकार होता है, विरोध करने की भी आजादी होती है, इन्हें आप हटा नहीं सकते न ही आजादी से वंचित कर सकते हैं।
किसान का अपमान रोज हो रहा है, आसानी से हल निकालना चाहिए था, किसान नहीं चाहता है कि वो यहां बैठा रहे।
विपक्ष अपने अपने तरह से किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहा है। कुछ संसद के अंदर तो कुछ बाहर कर रहे हैं। सरकार को सोचना चाहिए उन्हें बस 5 साल का लाइसेंस मिला है हमेशा के लिए नहीं।
फिलहाल किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर आना लगातार जारी है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद से किसानों पर दबाब बनना शुरू हो चुका है लेकिन जिस तरह किसान फिर से आ रहें हैं यही माना जा रहा है कि बॉर्डर पर अब आंदोलन में एक नया मोड़ आ चुका है।
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