CWC की बैठक: चुनाव प्राधिकरण ने अध्यक्ष का चुनाव व अधिवेशन मई में कराने का प्रस्ताव रखा
किसानों और केंद्र के बीच ग्यारहवें दौर की बैठक से पहले, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को दिल्ली में शुरू हुई।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(फाइल फोटो) |
सीडब्ल्यूसी की बैठक में संगठन के चुनाव, किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद मई में कराने का प्रस्ताव रखा है।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की है। सीडब्ल्यूसी चुनाव प्राधिकरण के प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है और आज इस पर कोई अंतिम निर्णय होगा।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग फिर उठाई।
वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस के 99.99 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह आरोप लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
सोनिया ने कहा, ‘‘एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।’’
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।’’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
व्हाट्सएप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है.. जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।’’
उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।
इस बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा किसानों के आंदोलन पर चर्चा होगी। पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है। कांग्रेस महासचिव और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सीडब्ल्यूसी को संबोधित कर रही हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक में अर्णब गोस्वामी की कथित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चैट लीक, कोविड-19 स्थिति के अलावा किसानों के आंदोलन पर भी चर्चा होगी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि बैठक के दौरान नए पार्टी प्रमुख के चुनाव के कार्यक्रम पर भी चर्चा होगी।
हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
मंगलवार को पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय कृषि क्षेत्र को नष्ट करने के लिए लाया गया है।
कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडल्यूसी) की बैठक आज की बैठक में पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ साथ किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
माना जा रहा है कि इस बैठक में अध्यक्ष के चुनाव को हरी झंडी दी जा सकती है और चुनाव तिथि का ऐलान भी हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग फिर उठाई।
वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस के 99.99 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें।
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