सरकार किसान आज फिर तलाशेंगे समाधान
कानूनी मशविरे के बाद सरकार शुक्रवार को किसानों के साथ वार्ता के लिए तैयार हो गई है। किसानों ने इसकी मांग की थी।
सरकार किसान आज फिर तलाशेंगे समाधान |
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को समझने के लिए समिति बना दी थी, इसलिए सरकार भी किसानों के साथ पहले से तय वार्ता करने को लेकर दुविधा में थी। बृहस्पतिवार की शाम को जब सरकार ने वार्ता का निर्णय लिया, उसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार खुले मन से वार्ता को तैयार है, उम्मीद है कि किसानों के साथ बातचीत से सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।
कानूनी मशविरे के बाद सरकार वार्ता के लिए तैयार, 26 को राजपथ, लाल किले पर किसान परेड नहीं
इस बीच, कोर्ट की बनाई समिति के सदस्य भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने किसानों के दबाव में इस्तीफा दे दिया। किसानों ने बाकी तीन अन्य सदस्यों को भी इस्तीफा देने के लिए कहा, लेकिन सदस्य अनिल घनवत ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया और कहा कि वह इस अवसर को नहीं छोड़ेंगे। यह संतोष का विषय है कि प्रमुख किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने स्पष्ट किया है कि किसान 26 जनवरी को अपनी परेड शांतिपूर्ण ढंग से निकालेंगे और उनका राजपथ या लाल किले पर परेड का कोई कार्यक्रम नहीं है।
वार्ता को लेकर सरकार की ओर से दोपहर तक कोई सूचना नहीं मिलने की वजह से किसानों ने भी अपनी बैठक नहीं की। एक प्रमुख किसान नेता ने कहा कि जब अधिकार सम्पन्न मंत्रियों से वार्ता चल रही हो तब किसान संगठन उस समिति के समक्ष क्यों पेश होंगे, जिसके पास कोई अधिकार ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसानों का अव भी यही मानना है कि अगर सरकार के पास इच्छा शक्ति हो तो मंत्रियों के साथ वार्ता से भी कृषि कानून और एमएसपी के मसले पर समाधान निकल सकता है। प्रमुख किसान नेता ने कहा कि संभवत:सरकार ने वार्ता का एजेंडा नहीं भेजा है लेकिन हम यही मान कर चल रहे हैं कि पिछली वार्ता जिस विषय (कृषि कानून) पर छोड़ी गई थी, वहीं से चर्चा शुरू होगी।
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