कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी से भूपेंद्र सिंह मान ने नाम लिया वापस
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मान कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त चार सदस्यीय कमेटी से अलग हो गए हैं।
SC की कमेटी से अलग हुए मान (फाइल फोटो) |
मान ने गुरूवार को कहा कि वह कमेटी से अलग हो गए हैं। न्यायालय ने चार सदस्यों की कमेटी बनायी थी।
मान ने कहा कि कमेटी में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के शुक्रगुजार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे।
गौरतलब है कि आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान समाधान के लिए एक समिति का गठन किया था। कमेटी के सदस्यों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान भी थे।
गौरतलब है कि डेढ़ महीने से जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी और मसले के समाधान के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई इस समिति में कृषि अर्थशास्त्री एवं कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार जोशी के अलावा दो किसान नेता भी शामिल हैं। हालांकि, ये दोनों नेता उन किसान संगठनों के नहीं हैं, जो देश की राजधानी की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं।
कमेटी के सदस्यों में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान भी थे। वहीं महाराष्ट्र के किसान संगठन शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट शामिल हैं।
पद्म अलंकरण से सम्मानित अशोक गुलाटी जानेमाने कृषि अर्थशास्त्री हैं। वह कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
वहीं, डॉ. जोशी कृषि अनुसंधान के क्षेत्र के जाने-पहचाने नाम हैं। वह कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी के निदेशक रहे हैं। समिति में शामिल दो किसान नेताओं और कृषि क्षेत्र के जानकारों में भूपिंदर सिंह मान और अनिल घनवट कृषि सुधारों के पक्षधर रहे हैं।
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