धोखे और भ्रम की राजनीति करते हैं केजरीवाल - भाजपा

Last Updated 17 Dec 2020 05:25:48 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रम फैलाने के उद्देश्य से अखबारों में विज्ञापन देकर भाजपा शासित नगर निगमों के बारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं जो सरासर झूठ है।


भाजपा सासंद मीनाक्षी लेखी

भाजपा सासंद मीनाक्षी लेखी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि श्री केजरीवाल अपने प्रचार के लिए जनता के पैसे से विज्ञापन देकर धोखे की राजनीति कर रहे हैं। दिल्ली सरकार नगर निगमों को काम करने से रोकने के लिए बजट में आवंटित पैसा जारी नहीं कर रही है।

उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के ढाई हार करोड़ माफ करने का आरोप लगाकर इसे भाजपा का भ्रष्टाचार करार दिया है।  

श्रीमति लेखी ने आरोपों के जवाब में कहा कि ‘2012 में नगर निगम के बंटवारे के बाद तब की कांग्रेस शासित सरकार ने मंत्रिमंडल में निर्णय लिया था कि एसडीएमसी अपना नया मुख्यालय बनने तक एनडीएमसी के परिसर से कामकाज चलाएगी। 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद एनडीएमसी में केजरीवाल की ओर से नियुक्त अधिकारियों ने एसडीएमसी से दफ्तर का किराया मांगना शुरु कर दिया जबकि मंत्रिमंडल के निर्णय में सिर्फ रखरखाव के खर्च के भुगतान की बात थी। अब निगम में किराए का ये झूठा विवाद पैदा करके केजरीवाल इसे भाजपा के भ्रष्टाचार के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं जो उनका फरेब है।’     

उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली सरकार ने तीसरे और चौथे वित्त आयोग के मुताबिक निगमों को आवंटित 13 हार करोड़ रुपयों का बकाया भुगतान नहीं किया है। केजरीवाल जी ने नगर निगमों को बाट का 20 फीसदी देने की बात कही थी जबकि आठ फीसदी भी नहीं दे रहे है। ऐसा करके वह निगमों के कामकाज को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। जनता ने निगमों में भाजपा को चुना, यही वजह है कि श्री केजरीवाल दिल्ली की जनता को इसकी सा दे रहे हैं।’

श्रीमति लेखी ने कहा कि ‘दिल्ली सरकर की मंशा है कि नगर निगम का काम ठप्प हो जाए। उन्होने कोरोना काल में रात दिन जनता की सेवा करने वाले कोरोना योद्धाओं और सफाई कर्मियों का वेतन रोक दिया। बकाया पैसा न मिलने से निगम के स्कूलों के शिक्षकों का वेतन, विधवा और विकलांग पेंशन, स्कूली बच्चों के यूनिफॉर्म और मिड डे मील का पैसा नहीं मिल रहा है जिसके लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है।’

आम आदमी पार्टी के कृषि सुधार कानूनों के विरोध पर भाजपा सांसद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने गजट में खुद इन कानूनों को अधिसूचित किया था और अब विधानसभा में इन कानूनों की प्रति फाड़ने का नाटक कर रहे हैं। ये धोखे की राजनीति है। उन्होने आरोप लगाया कि दिल्ली में किसानों को कभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसी तरह की सब्सिडी नहीं मिली।

वार्ता
नयी दिल्ली


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