बंगाल के तीन अफसरों की केंद्र में हुई तैनाती, ममता बनर्जी बोलीं- ये असंवैधानिक
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार से बृहस्पतिवार को कहा कि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को तत्काल कार्य मुक्त करे।
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केंद्र ने कहा कि इन अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजे एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि आईपीएस कैडर नियमों के मुताबिक, विवाद की स्थिति में राज्य को केंद्र का कहना मानना होगा।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीन आईपीएस अधिकारियों को पहले ही नई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं और उन्हें फौरन कार्य मुक्त किया जाना चाहिए।
अधिकारी ने बताया कि भोलानाथ पांडे को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक बनाया गया है जबकि प्रवीण त्रिपाठी को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के डीआईजी के तौर पर नियुक्ति दी गई है। वहीं राजीव मिश्रा को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का आईजी नियुक्त किया गया है। पत्र की प्रति पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी भेजी गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का उसका आदेश सत्ता का घोर दुरुपयोग है और राज्य सरकार ‘‘विस्तारवादी’’ तथा ‘‘अलोकतांत्रिक’’ ताकतों के आगे नहीं झुकेगी।
बनर्जी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि यह केन्द्र द्वारा राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और पश्चिम बंगाल में सेवारत अधिकारियों का मनोबल घटाने के लिए जानबूझ कर किया गया प्रयास है।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह कदम, खासकर चुनाव से पहले संघीय ढांचे के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह पूरी तरह असंवैधानिक और पूरी तरह अस्वीकार्य है।’’
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में सेवारत भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों को कर्तव्य में कथित कोताही बरतने को लेकर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए समन जारी किया है।
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘ राज्य (पश्चिम बंगाल सरकार) की आपत्ति के बावजूद भारत (केंद्र) सरकार का पश्चिम बंगाल में सेवारत तीन आईपीएस अधिकारियों को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने संबंधी आदेश आईपीएस कैडर कानून 1954 के आपातकालीन प्रावधानों और ताकत का दुरुपयोग है।’’
GoI’s order of central deputation for the 3 serving IPS officers of West Bengal despite the State’s objection is a colourable exercise of power and blatant misuse of emergency provision of IPS Cadre Rule 1954. (1/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 17, 2020
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पिछले हफ्ते हमले के बाद ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर केंद्र ने तीन आईपीएस अफसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्रालय ने कहा कि आईपीएस कैडर कानून के अनुसार विवाद की स्थिति में राज्य की बजाय केन्द्र के आदेश या फैसले को वरीयता दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र द्वारा राज्य प्रणाली पर अप्रत्यक्ष नियंत्रणकी अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के आगे नहीं झुकेगा।’’
बनर्जी का बयान पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए एक पत्र को सार्वजनिक किए जाने के कुछ ही मिनट बाद आया है।
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