भारत-बांग्लादेश के बीच 55 साल बाद रेल सेवा शुरू, PM मोदी-शेख हसीना ने किया उद्घाटन
भारत और बांग्लादेश के बीच गुरुवार को हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने पिछले 55 वर्षों से बंद पड़ी हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल लाइन का उद्घाटन किया।
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पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच रेल लाइन साल 1965 में बंद हो गई थी। दोनों देशों के बीच तेजी से बढते सहयोग के अनुरूप भारत और बांग्लादेश ने हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश को ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तम्भ बताते हुए कहा कि बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना उनकी विशेष प्राथमिकता रही है तथा कोविड-19 के कठिन समय में दोनों देशों के बीच अच्छा सहयोग रहा है। मोदी ने बांग्लादेश की समकक्ष शेख हसीना के साथ ऑनलाइन शिखर वार्ता में यह बात कही। वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को अपने देश का ‘सच्चा मित्र’ करार देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के मुक्ति युद्ध में समर्थन देने के लिये भारत का आभार जताया।
डिजिटल माध्यम से शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए हसीना ने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के साथ मुलाकात से काफी प्रसन्न हैं, खासतौर पर विजय के इस महीने में।
गौरतलब है कि बुधवार को बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति युद्ध में अपनी जीत की 49वीं वषर्गांठ मनायी।
दोनों देशों के बीच चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल सम्पर्क को बहाल करने से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के लिये सम्पर्क को बढावा मिलने की उम्मीद है। यह कोलकाता से सिलीगुड़ी के बीच 1965 तक मुख्य ब्राडगेज सम्पर्क का एक हिस्सा था।
मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदशर्नी का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तम्भ है। बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है।’’
उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि वैश्विक महामारी के कारण यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन संतोष की बात है कि इस कठिन समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छा सहयोग रहा।
मोदी ने कहा कि चाहे वो दवाइयों या चिकित्सा उपकरण या फिर चिकित्सा पेशेवरों का एक साथ काम करने का विषय हो, हमारा सहयोग अच्छा रहा है। टीका के क्षेत्र में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है। इस सिलसिले में हम आपकी आवश्यकताओं का भी विशेष ध्यान रखेंगे।
वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, ‘‘ भारत एक सच्चा दोस्त है।’’ हसीना ने कहा, ‘‘ मैं भारत के कोविड-19 से निपटने के तरीके की सराहना करना चाहती हूं, उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में भारत महत्वपूर्ण योगदान देगा।’’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने मुक्ति युद्ध के संदर्भ में कहा कि वह तीस लाख शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं जिन्होंने अपना बलिदान दिया। वह भारतीय सशस्त्र सेना के सदस्यों एवं उनके परिवार के लोगों को भी नमन करती है।
उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार एवं वहां के लोगों के प्रति भी आभार प्रकट करती हैं जिन्होंने पूरी तरह से हमारे राष्ट्र के लिये समर्थन दिया। गौरतलब है कि यह युद्ध 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में 25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना की दबिश के बाद शुरू हुआ था और 16 दिसंबर को समाप्त हो गया। पाकिस्तान ने हार स्वीकार कर लिया था।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ भूमि सीमा कारोबार में बाधाओं को हमने कम किया। दोनों देशों के बीच सम्पर्क का विस्तार किया गया तथा नए साधनों को जोड़ा गया। यह सब हमारे संबंधों को और मजबूत करने के हमारे इरादों को दर्शाता है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘ यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आज आपके साथ बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का विमोचन, और बापू और बंगबंधु के ऊपर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का मौका मिल रहा है। मैं आशा करता हूँ कि बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी, इसमें विशेष खंड को कस्तुरबा गाँधी जी और पूजनीय बंगमाता जी को भी समर्पित किया गया है। ’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ दक्षेस ढांचे के तहत बांग्लादेश के योगदान के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ। स्वास्थ्य के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इस वर्ष हमारी विशेष साझेदारी निरंतर आगे बढ़ती रही है।’’
भारत और बांग्लादेश ने सात समझौते किये जिसमें हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में समझौते शामिल हैं।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ बांग्लादेश की ओर से संबंधित अधिकारियों ने सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जबकि ढाका में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम के दुरईस्वामी ने अपने देश की ओर से हस्तक्षर किए।’’
अधिकारी ने बताया कि इस अवसर पर स्टेट गेस्ट हाउस से बांग्लादेश के कृषि मंत्री डा. अब्दुर रज्जाक, सांस्कृतिक मामलों के कनिष्ठ मंत्री खालिद हुसैन और विदेश सचिव मसुद बिन मोमिन ने समारोह देखा।
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