अनशन पर रहे अन्नदाता, सरकार पर और बढ़ाया दबाव, नई रणनीति के लिए बैठक मंगलवार को

Last Updated 15 Dec 2020 01:08:56 AM IST

कृषि सुधार कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया तथा सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए भूख हड़ताल की।


नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी बार्डर अनशन करते किसान।

किसान नेता सुबह आठ बजे से अनशन पर चले गए जो शाम पांच बजे तक जारी रहा। यह अनशन राजधानी के गाजीपुर, टीकरी, सिंघु बार्डर तथा कई अन्य स्थानों पर किया गया। जिला मुख्यालयों में भी किसानों ने अनशन तथा धरना प्रदर्शन किया।

किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने पर अड़े हैं और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान नेता मंगलवार को 2 बजे बैठक करेंगे। इसमें वे आगे की रणनीति बनाने पर विचार करेंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास किया। इस बीच हरियाणा के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों और विधायकों ने सोमवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और सरकार की ओर कृषि सुधार कानूनों में संशोधन करने के प्रस्तावों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था जारी रखने को लेकर सरकार की सराहना की। अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के कुछ नेताओं ने कृषि मंत्री से मुलाकात की और कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त किया जाना चाहिए और फसलों का मूल्य खुले बाजार में तय किया जाना चाहिए।

सरकार हर पहलू पर वार्ता को तैयार : तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं से वह कृषि कानून के हर पहलू पर वार्ता करने के लिए तैयार हैं। सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा है, उसके आधार पर जब किसान नेता चाहें वार्ता की जा सकती है। कृषि मंत्री ने कहा कि यूपी, हरियाणा, बिहार, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को सही बताया है। किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर अपने विचार बताएंगे तो सरकार निश्चित रूप से आगे बातचीत करेगी।

वार्ता के लिए नहीं भेजा औपचारिक निमंत्रण
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने मीडिया के जरिए तो यह कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से आगे भी वार्ता करना चाहती है लेकिन उसने वार्ता के लिए किसानों को कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा। पहले किसान नेताओं को केंद्रीय मंत्री फोन भी कर लेते थे, पर कुछ दिनों से किसी मंत्री ने उन्हें फोन भी नहीं किया।

सरकार नकली किसान संगठनों का जुटा रही समर्थन : कुलवंत सिंह
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि सरकार पैसे देकर किसान नेताओं से कृषि कानूनों के पक्ष में बयान दिलवा रही है। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन से कृषि मंत्री जिन किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं, वो असल में किसानों के संगठन हैं ही नहीं। किसान नेता ने कहा कि सरकार के इस अभियान से किसान आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि देश के 500 वास्तविक संगठन उनके साथ हैं।

शाह ने तोमर, पीयूष गोयल से की मंत्रणा
गृह मंत्री अमित शाह ने फिर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की। उनकी ही सलाह पर सरकार ने प्रादेशिक नेताओं की मदद से कृषि कानूनों पर दूसरे किसान संगठनों को विश्वास में लेना शुरू किया है। सरकार ने तय किया है कि कृषि कानूनों पर समर्थन देने वाले छोटे और अनाम किसान संगठनों और किसान नेताओं से कृषि मंत्री और अन्य मंत्री शार्ट नोटिस पर भी मिलेंगे। अभी तक यूपी, हरियाणा और राजस्थान के नेता ही कृषि मंत्री से ज्यादा मिल रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो/अजय तिवारी
नई दिल्ली


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