राज्यसभा में पास हुआ वायुयान संशोधन विधेयक 2020

Last Updated 15 Sep 2020 02:09:37 PM IST

संसद ने मंगलवार को वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी जिसमें नियमों के उल्लंघनों के मामले में जुर्माने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10 लाख रूपये से बढ़कर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है।


लोकसभा में यह विधेयक बजट सत्र में पारित हुआ था जबकि राज्यसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन आज इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गयी। इस तरह इस विधेयक पर संसद की मुहर लग गयी है।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस विधेयक पर हुयी चर्चा में कहा कि कुछ सदस्यों ने एटीसी कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया है जबकि हकीकत यह है कि पिछले तीन वर्षों में तीन हजार एटीसी नियुक्त किये गये हैं। हवाई अड्डों का निजीकरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको ऐतिहासिक परिदृश्य में देखा जाना चाहिए। 2006 में दिल्ली और मुंबई के दो प्रमुख हवाई अड्डों का निजीकरण किया गया था और उसके परिणाम स्वरूप अब तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को 29 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद इन दोनों हवाई अड्डों पर यात्री ट्रैफिक में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुयी है।

उन्होंने कहा कि 2018 में छह हवाई अड्डों का निजीकरण करने की तैयारी की गयी । एक हवाई अड्डा के लिए तो सबसे अधिक बोलियां आयी हैं। इसके लिए पूरी दुनिया की कंपनियों ने बोली लगायी है। उन्होंने कहा कि केरल में एक हवाई अड्डे के निजीकरण को लेकर राज्य सरकार ने भी बोली लगायी थी लेकिन उसकी बोली सबसे ऊंची बोली की तुलना में 93 फीसदी से भी कम थी। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इससे पहले पुरी ने विधेयक को सदन में पेश करते हुये कहा कि सरकार नागरिक उड्डयन क्षेत्र के तीन नियामकों नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यालय और विमान दुर्घटना जांच कार्यालय को बदलती जरूरतों के मद्देनजर ज्यादा प्रभावशाली बना रही है और नियमों के उल्लंघन पर सख्त जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है। विधेयक में इन तीनों नियामकों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक महानिदेशक की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत का उडय्यन क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है और 2022 तक भारत अमेरिका और चीन के बाद इस क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा देश बन जायेगा। विधेयक में किये जा रहे प्रावधानों से बदलते समय की आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और देश में विमान संचालन की सुरक्षा का स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से पहले देश का उडय्यन क्षेत्र 34 करोड़ यात्रियों को संभाल रहा था और अब पिछले दिनों शुरू की गयी सीमित विमान सेवा के बाद यह संख्या निरंतर बढ़ रही है और दीवाली के बाद इसमें तेजी से बढ़ोतरी होगी। इसे देखते हुए देश में हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के लिए भी निरंतर कदम उठाये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विधेयक में विमानन क्षेा में नियमों के उल्लंघन के लिए लगाये जाने वाले जुर्माने की राशि को भी बढाने का प्रावधान किया गया है। अभी इन नियमों के उल्लंघन के लिए दो वर्ष की सजा या 10 लाख रूपये के जुर्माने या दोनों का प्रावधान है। संशोधित विधेयक में सजा की अवधि को नहीं बदला गया है लेकिन जुर्माने की राशि बढ़ाकर एक करोड़ रूपये तक की जा रही है।

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार सुरक्षा के नाम पर हवाई अड्डों का निजीकरण करने में लगी है और इसमें अपनी पसंद के उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है।

उन्होंने कहा कि अडाणी उद्योग समूह को छह हवाई अड्डों में काम दिया जा रहा है और ऐसा करते समय सभी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। इस तरह की भी रिपोर्ट हैं कि मुंबई हवाई अड्डे के मामले में भी इस समूह को नाजायज फायदा पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के प्रावधान किये जा रहे हैं। कांग्रेस सदस्य ने हाल ही में कोझिकोड में हुए विमान हादसे का उल्लेख करते हुए कहा कि इस हादसे में 40 लोगों की मौत हो गयी और 40 दिन बीतने पर भी यह नहीं पता चल सका है कि किस कारण से दुर्घटना हुई। उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए।

जनता दल (यू) के राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि पटना के बाहर एक हवाई अड्डा विकसित करने पर सहमति हुयी है जिस पर कार्य करने की जरूरत है । उन्होंने बिहार के दरभंगा और पूर्णिया से विमान सेवा शुरू करने की मांग की। इसके साथ ही धार्मिक स्थल गया से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू करने पर बल दिया।

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने भी दरभंगा और पूर्णियां से विमान सेवा शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी कम्पनी का निजीकरण करने के पहले संबंधित पक्षों से बातचीत की जानी चाहिये।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बहुत से लोग विमान यात्रा करना चाहते हैं और सामान्य लोग भी अब इस यात्रा का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी चार से पांच प्रतिशत लोग ही साल में एक बार विमान यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोग दक्षिण भारत जाना चाहें तो वे रेलगाड़ी से दो दिन में पहुंचेंगे जबकि विमान से यह यात्रा बहुत कम समय में हो सकती है।

इस पर हुयी चर्चा में वामपंथी वियोन विस्वम, टीडीपी के कनकमेदला रवीन्द्र कुमार, शिवसेना के अनिल देसाई, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, भाजपा के डीपी वत्स, कांग्रेस के विवेक तन्खा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की झरना दास, वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और बहुजन समाज पार्टी के विशंभर प्रसाद निषाद ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।

वार्ता
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment