अध्यादेश से APMC एक्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा: तोमर

Last Updated 14 Sep 2020 02:55:41 PM IST

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि 'कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020' से एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) कानून पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।


केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को लोकसभा में कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए। कृषि मंत्री ने 'कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020' और 'मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा अध्यादेश 2020' को विधेयक के स्वरूप में सदन के पटल पर रखा।

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक पर विपक्षी दलों के सांसदों के विरोध का जवाब देते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "किसानों को अपने उत्पादन का मूल्य तय करने और बेचने का स्थान तय करने और कैसे बेचेंगे यह तय करने का अधिकार आज तक नहीं था। मैं समझता हूं इस अध्यादेश के माध्यम से यह आजादी पूरे देश (के किसानों) को मिलने वाली है।"

तोमर ने कहा कि इस अध्यादेश से एपीएमसी एक्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य अगर चाहेगा तो मंडियां चलेंगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंडी की परिधि के बाहर जो ट्रेड होगा, उस पर नया कानून लागू होगा।

अनुसूचित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मसले पर तोमर ने सदन में कहा, "मैं सरकार की ओर से यह कहना चाहता हूं कि एमएसपी है और एमएसपी रहेगी और इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की 201 सिफारिशों में से 200 सिफारिशों पर अमल किया है। उन्होंने कहा कि रबी और खरीफ फसलों के लिए लागत पर 50 फीसदी मुनाफा के साथ एमएसपी दिया जा रहा है।

कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए लाए गए नए कानून के संबंध में उन्होंने कहा कि इससे किसानों को उनकी फसल बेचने की आजादी मिलेगी और व्यापारियों को लाइसेंस राज से मुक्ति मिलेगी, इस प्रकार भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "सप्लाई चेन मजबूत होगी और कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगा, साथ ही यह निजी निवेश, जब गांव तक और किसानों के खेतों तक पहुंचेगा तो उससे किसानों की उन्नति होगी।

बता दें कि कृषि के क्षेत्र में सुधार और किसानों के हितों की रक्षा के मकसद से कोरोना काल में केंद्र सरकार ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 लाए, जिनकी अधिसूचना पांच जून को जारी हुई थी। अब इन्हें विधेयक के रूप में पेश किया गया है।

संसद का मानसून सत्र सोमवार को आरंभ हुआ। सत्र के पहले दिन कई अहम विधेयक संसद में पेश किए गए।
 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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