भारत और चीन की सेना के बीच सीमा तनाव को कम करने के लिए बातचीत जारी

Last Updated 11 Sep 2020 05:50:04 PM IST

भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को बैठक कर सीमा पर तनाव को कम करने के लिए बातचीत की।


(फाइल फोटो)

दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई बिंदुओं पर आमने-सामने हैं। भारत और चीन के सैनिक एक-दूसरे से कुछ ही मीटर की दूरी पर हैं।

सैन्य प्रतिनिधि वार्ता सात सितंबर से लगातार हो रही है, जब चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए एक उत्तेजक कदम उठाया था। हालांकि भारतीय सेना के वीर जवानों ने चीन के विस्तारवादी मंसूबों पर पानी फेर दिया था।

भारत ने चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुशुल के पास रेजांग ला, रेचन ला, ब्लैकटॉप, गोस्वामी हिल और अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंच स्थापित कर ली है, जिससे भारत यहां पर एक बेहतर स्थिति में है।

चीन ने भारतीय सैनिकों को पहाड़ की ऊंचाइयों से विस्थापित करने के लिए कई प्रयास किए हैं।

ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक चुशुल में हो रही है और अब तक अनिर्णायक रही है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वार्ता अंतत: तनाव कम करेगी और यह एक थकाऊ एवं कठिन प्रक्रिया है।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में वर्तमान स्थिति पर सैन्य प्रमुखों के साथ-साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी की मुलाकात के एक दिन बाद यह बैठक हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सीमा पर लंबे समय से चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए मॉस्को में महत्वपूर्ण वार्ता हुई।

रक्षा प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री की बैठक लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें विदेश मंत्री जयशंकर की उनके समकक्ष के साथ बैठक और सीमा तनाव को हल करने के तंत्र पर विचार-विमर्श किया गया।

दोनों देशों ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख में लंबे समय तक सीमा के समाधान के लिए पांच-बिंदु योजना पर सहमति व्यक्त की थी। योजना में सभी मौजूदा समझौतों और सीमा के प्रबंधन पर प्रोटोकॉल का पालन करना, शांति बनाए रखना और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना शामिल है, जो मामलों को बढ़ा सकता है।

भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास पिछले चार महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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