अटकलें न लगाएं, हादसे पर DGCA की जांच रिपोर्ट का इंतजार करें: पुरी
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना के पहले या उस दौरान क्या हुआ, इस पर अटकलें लगाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी को डीजीसीए द्वारा की जा रही जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए।
![]() उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी |
उन्होंने इस हादसे को लेकर मृतकों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
पुरी आज सुबह यहां पहुंचे और कोझिकोड हवाई अड्डे के पास गए। मंत्री ने कहा, "इन स्थितियों में सबसे पहले लोगों को बचाने, उसके बाद चिकित्सा निगरानी, ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और फिर डीजीसीए जांच का आदेश देने की जरूरत होती है।"
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) दुबई से आई एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण की जांच कर रहा है। यह विमान टेबल-टॉप रनवे से फिसलकर 35 फीट नीचे घाटी में गिर गया था। हादसे में दो पायलटों और एक केबिन क्रू सहित कुल 18 लोगों को जान चली गई। विमान में 190 लोग सवार थे।
पुरी ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार दुर्घटना के मामले पर बहुत बारीकी से काम कर रहे हैं। ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। अब, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हमें पूर्ण और व्यापक जांच होने तक अटकलें नहीं लगानी चाहिए। जांच होने के बाद हम इस मामले को देखेंगे।"
पुरी जून 2019 से नागरिक उड्डयन विभाग संभाल रहे हैं। जैसे ही उन्हें टेबल-टॉप हवाई अड्डे के बारे में बताया गया उन्होंने तत्काल डीजीसीए को फोन किया। मंत्री ने कहा, "मुझे बताया गया था कि सभी मुद्दों पर गौर किया जाएगा। मैं कुछ भी अटकलें लगाने देना पसंद नहीं करूंगा क्योंकि यह अनुचित होगा। जांच होने दीजिए, हमें सारे जवाब मिल जाएंगे।"
दुर्घटना में 'मानवीय त्रुटि' होने को लेकर पुरी ने कहा, "हर मुद्दे पर गौर किया जाएगा। इसके अलावा मैं आपको बता दूं कि केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में टेबल टॉप हवाई अड्डे हैं। ऐसे हवाई अड्डों में समस्या हो सकती है लिहाजा पायलटों के अनुभव के आधार पर यहां लैंडिंग करने की मंजूरी दी जाती है।"
वहीं, केरल राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र केंद्रीय मंत्री पहले ही यहां पहुंच चुके हैं। विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन कोझिकोड के रहने वाले हैं। इसके अलावा दुर्घटना की जांच में हिस्सा लेने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की एक पूरी टीम भी यहां आ चुकी है।
दुर्घटना स्थल पर पहुंचे स्टेट मिनिस्टर ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नमेंट ए.सी.मोइदीन ने मीडिया को बताया कि हादसे में 18 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं अस्पताल में भर्ती कुछ यात्रियों की हालत गंभीर है।
मलप्पुरम और कोझीकोड जिलों के विभिन्न अस्पतालों में कुल 123 घायल लोगों का इलाज चल रहा था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा है कि मृतकों का कोविड परीक्षण किया जाएगा और फिर उनका शव परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "कोरोना काल के चलते सबके हित में यही है कि इस अभियान में भाग लेने वाले लोगों का कोविड परीक्षण किया जाए। इस काम में सभी को सहयोग करना होगा क्योंकि यह इस समय की बड़ी जरूरत है।"
अब तक मिली जानकारी के अनुसार लैंडिंग गियर के कारण समस्या हुई थी, जिसके चलते अनुभवी पायलट ने जमीन पर उतरने के पहले प्रयास के बाद विमान को फिर से हवा में उठाया और 15 मिनट तक उसे उड़ाया। इसके बाद जब ईंधन का टैंक खाली हो गया तब उन्होंने विमान को उतारा।
यदि अनुभवी पायलट ने तत्काल यह निर्णय नहीं लिया तो यह हादसा और बड़ा होता।
बता दें कि भारी बारिश के बीच विमान दूसरे प्रयास में रनवे पर उतरा और फिसलकर 35 फीट नीचे घाटी में गिर गया। इस विमान के दो टुकड़े हो गए थे।
शाम 7.41 बजे हुई दुर्घटना के बाद कोझीकोड हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है और वहां उतरने वाली उड़ानों को डायवर्ट कर 80 किलोमीटर दूर कन्नूर हवाई अड्डे पर उतारा जा रहा है।
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