फ्रांस से राफेल लाने वाले मनीष सिंह के गांव में मनाया जा रहा जश्न
फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला पहुंच गई है। इसको लाने वाली टीम में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के मनीष सिंह भी शामिल हैं। उनकी इस बड़ी उपलब्धि का जश्न पूरे गांव में मनाया जा रहा है।
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बलिया जिले के बांसडीह तहसील के छोटे से गांव बकवां के निवासी मनीष सिंह का परिवार फौजी रहा है। इनके पिता मदन सिंह भी अवकाश प्राप्त फौजी हैं। वह अपने बेटे की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं। पूरे गांव में मिठाई बांटी जा रही है। पटाखे फोड़े जा रहे हैं।
मनीष की मां उर्मिला सिंह का कहना है, "बहुत खुशी हो रही है। हमारे लाल ने देश की रक्षा के काम आना वाली बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सुबह से ही लोग इसकी प्रतिक्षा में थे। सोशल मीडिया और टीवी के माध्यम से इसका पूरा नजारा देख रहे थे। पूरे गांव के लोग बहुत खुश हैं। सबको लड्डू खिलाया गया है। निश्चित रूप से मेरे बेटे की उपलब्धि न सिर्फ मेरे लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।"
पिता मदन सिंह ने कहा, "देश की सेवा में मेरे बाद मेरा बेटा डटा हुआ है। यह सोचकर सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है।"
फ्रांस से रवानगी से पहले मनीष ने अपने पिता मदन सिंह को बताया कि वह जल्द ही राफेल लेकर भारत के लिए उड़ान भरने वाले हैं।
बहन अंजलि ने कहा, "राफेल रक्षाबंधन पर भाइयों का गिफ्ट मिला है। आज मेरे भाई ने देश, प्रदेश ही नहीं, अपने जिले व गांव का नाम फिर से रोशन कर दिया है।"
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरुण सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों युवा के साथ ही गांव की महिलाएं व बुजुर्ग भी इस खुशी में सरीख होने मनीष के घर पहुंचे हैं। युवाओं ने मनीष को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि "हम सब भी फौजी बनकर देशसेवा में अपनी निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करेंगे।"
मनीष सिंह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। मनीष की प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक निजी स्कूल नूतन शिक्षा निकेतन में हुई। छठी कक्षा तक गांव में पढ़ाई करने के बाद उनकी उच्च शिक्षा करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल में हुई, जहां इनके पिता सेना में सेवारत रहे।
मनीष वर्ष 2002 में इंडियन एयरफोर्स में पायलट हुए। अंबाला व जामनगर के बाद दो वर्ष पूर्व सन् 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी। उस समय मनीष अपने गांव बकवां आए थे। फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल की डील के बाद मनीष को प्रशिक्षण के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा था। अन्य विंग कमांडर भी इनके साथ रहे।
मनीष दो भाई, दो बहन हैं। छोटे भाई अनुज, बबली व प्रिया मनीष के साथ बाहर ही रहते हैं। पिता मदन सिंह तथा दादा पुण्यदेव सिंह (पूर्व सैनिक) गांव पर ही रहते हैं। पुण्यदेव सिंह ने कहा, "मुझे बहुत खुशी ऐसी है। मेरा आशीर्वाद है कि मनीष अपने जीवन में और तरक्की करे।"
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