खालिस्तानियों के बहकावे में नहीं आए सिख सैनिक
जिस वक्त भारतीय जवान पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सेना से लोहा ले रहे थे, उस वक्त यूएसए में बैठे खालिस्तानी आतंकवादी सिख सैनिकों को भड़का रहे थे, लेकिन सिखों के बलिदानी और देशभक्ति के जज्बे ने उनकी भड़काऊ बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया। भारतीय सेना ने भी एहतिहाती कदम उठाए हैं।
खालिस्तानियों के बहकावे में नहीं आए सिख सैनिक |
भारतीय सेना सूत्रों के अनुसार अमेरिका के मेसाचुसेट्स से पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में कॉल और व्हाट्सऐप मैसेज आ रहे हैं, जिनमें सिख जवानों को निशाना बनाया गया है। जवानों से कहा जा रहा है कि भारत सरकार सीमा पर जानबूझकर जवानों को भेज रही है और उन्हें शहीद करवा रही है। संदेशों में सिख जवानों से अपील की गई है कि भारत के लिए शहादत न दें। यह मैसेज सिख फॉर जस्टिस के तथाकथित स्वयंभू गुरपतवंत सिंह और भगोड़े आतंकवादी खालसा एड के मुखिया गुरजिंदर सिंह की तरफ से आए हैं।
गुरजिंदर सिंह अभी पाकिस्तान में रह रहा है। इनके संदेशों में और भी भड़काऊ बातें हैं। सिख सैनिकों को लालच दिया जा रहा है कि वह भारतीय सेना को छोड़कर सिर्फ और जस्टिस में शामिल हो और वर्तमान सैलरी से 5000 रु पए ज्यादा लें, लेकिन सिखों का गौरवशाली इतिहास रहा है। मुगलों से लोहा लेने से लेकर भारतीय आजादी के आंदोलन तक सिखों ने देश के लिए मर-मिटने की गाथाएं लिखी हैं। भारतीय सेना में शामिल सिखों पर आतंकवादियों के संदेशों का कोई असर नहीं।
भारतीय सेना का कहना है कि खालिस्तानी आतंकवादियों के संदेशों और गतिविधियों की निगरानी की जा रही है और जरूरी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। सेना ने खालिस्तानी आतंकवादियों के जो भी संदेश इंटरसेप्ट किए हैं, उन्हें पंजाब पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ साझा किए हैं। सेना पुलिस के साथ मिलकर इन आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं और इनको धर दबोच ने की कोशिश में लगे हैं।
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