फ्रांस से आज भारत के लिए उड़ान भरेंगे राफेल
बहुप्रतीक्षित फ्रांस के अति आधुनिक पांच लड़ाकू जहाज राफेल सोमवार को भारत के लिए उड़ान भरेंगे जो बुधवार को अंबाला पहुंच जाएंगे। चीन के साथ तनाव को देखते हुए अगले हफ्ते लेह में इनकी तैनाती की जा सकती है।
लड़ाकू जहाज राफेल (file photo) |
भारत ने सितम्बर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील करीब 59,000 करोड़ रुपए की है। वायुसेना सूत्रों के अनुसार पांच राफेल विमानों की पहली खेप लाने की प्रक्रिया कल शुरू होगी। फ्रांस के मेरिगनक हवाई अड्डे से उड़ान भरकर 10 घंटे के सफर के बाद संयुक्त अरब अमीरात में अबूधाबी के पास अल ढफरा हवाई अड्डे रात्रि विश्राम करेंगे। फ्रांसीसी वायुसेना अपने एयरबेस ए-330 मल्टी-रोल टैंकर परिवहन विमान का इस्तेमाल करके रास्ते में राफेल लड़ाकू विमान में ईधन भरेगा।
इनके साथ भारतीय वायुसेना के 12 प्रशिक्षित पायलट होंगे जो भारत में राफेल को उड़ाएंगे। कंपनी के करार के अनुसार कुल 36 और पायलटों को राफेल को उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इन विमानों को भारतीय पायलट ही उड़ाकर लाएंगे। पहली खेप में सभी 10 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी होनी थी लेकिन विमान तैयार न हो पाने के कारण बाकी विमानों की डिलीवरी बाद में की जाएगी। फ्रांस में भी कुछ विमानों की जरूरत होगी जिससे भारतीय वायुसेना के पायलट और क्रू को और ट्रेनिंग दी जा सके।
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी में तेजी लाना महत्वपूर्ण है वहीं पहली खेप के अलावा, भविष्य के राफेल विमानों की डिलीवरी में भी तेजी आने की संभावना है। पहले से तय डिलीवरी कार्यक्रम के अनुसार पहले 18 लड़ाकू विमानों को भारतीय वायुसेना को फरवरी 2021 में दिया जाना था। इसके बाद अप्रैल-मई, 2022 में बाकी विमानों की डिलीवरी होनी थी, वहीं फ्रांस ने पहले राफेल विमान को आठ अक्टूबर, 2019 को भारत को सौंप दिया था।
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