पूर्वी भारत में दो भिन्न गहराइयों से आ रहे हैं भूकंप

Last Updated 27 Jul 2020 01:03:11 AM IST

देश के पूर्वी भाग में चट्टानों के लचीलेपन संबंधी गुणों की खोज एवं क्षेत्र में लगातार भूकंप आने पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस क्षेत्र में दो अलग-अलग गहराई पर स्थित केंद्रों से मध्यम स्तर के भूकंप आ रहे हैं।


पूर्वी भारत में दो भिन्न गहराइयों से आ रहे हैं भूकंप

कम तीव्रता वाले भूकंपों का केंद्र 1 से 15 किलोमीटर की गहराई में रहता है जबकि रिक्टर स्केल पर चार से थोड़ी अधिक तीव्रता वाले भूकंप 25 से 35 किलोमीटर की गहराई से आ रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाल वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया कि मध्यवर्ती गहराई में भूकंपीय गतिविधि नहीं होती है और यह द्रव/आंशिक द्रव वाले क्षेत्र में पड़ती है।

इस क्षेत्र में क्रस्ट (धरती के सबसे बाहरी ठोस ढांचे) की मोटाई ब्रrापुत्र घाटी के नीचे 46.7 किलोमीटर से लेकर अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाल क्षेत्रों में 55 किलोमीटर तक है जहां क्रस्ट और पपड़ियों के बीच की सीमा को परिभाषित करने वाले संपर्क क्षेत्र में मामूली सा उठान है जिसे तकनीकी दृष्टि से ‘मोहो डिसकंटिन्यूटी’ कहा जाता है। यह ट्यूटिंग-टिडिंग सचर जोन में भारतीय भौगोलिक प्लेट (टेक्टोनिक प्लेट) की अंडर-थ्र¨स्टग (वह फॉल्ट जिसमें फॉल्ट प्लेन की निचली सतह की चट्टानें ऊपरी सतह पर स्थित चट्टानों के तहत चली जाती हैं) प्रक्रिया को दर्शाता है।

अध्ययन में लोहित घाटी के ऊंचाई वाले हिस्सों में क्रस्ट की गहराइयों में द्रव या आंशिक द्रव (ठोस वस्तु का केवल एक हिस्सा पिघला हुआ) की मौजूदगी का भी संकेत देता है। भारत के सबसे पूर्वी हिस्सों में चट्टानों के लचीलेपन और भूकंपनीयता पर वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया है कि क्षेत्र में दो अलग-अलग गहराइयों से मध्यम स्तर के भूकंप आ रहे हैं।

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment