राज्यसभा में गतिरोध बरकरार, कार्यवाही बुधवार तक स्थगित
दिल्ली में हिंसा पर चर्चा कराने के मुद्दे पर राज्यसभा में लगातार पांचवें दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा और विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बुधवार तक स्थगित करनी पड़ी।
सभापति एम वेंकैया नायडू |
दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर गतिरोध के चलते बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले सप्ताह में एक दिन भी कामकाज नहीं हो सका है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह इस मुद्दे पर होली के बाद चर्चा कराने को तैयार है लेकिन विपक्ष सभी काम रोककर पहले इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ा हुआ है।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद जैसे ही शून्यकाल के लिए भारतीय जनता पार्टी के कैलाश सोनी का नाम पुकारा कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, द्रविड मुनेत्र कषगम, और वामपंथी दलों के सदस्य अपनी जगह पर खड़े होकर तेज आवाज में बोलने लगे। कुछ सदस्य नारेबाजी भी कर रहे थे।
नायडू ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की लेकिन तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के कुछ सदस्य इसे नजरअंदाज कर आसन के निकट आकर बोलने लगे। सभापति ने कहा कि ऐसा लगता है कि सदस्य कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते और वे इस बारे में मन बनाकर आये हैं। उन्होंने कहा कि आसन के निकट आने वाले सदस्य तुरंत अपनी सीट पर चले जायें वरना उन्हें उनका नाम लेना पड़ेगा। सदस्यों पर इसका असर न होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
शून्यकाल शुरू होने से पहले नायडू ने अपनी टिप्पणी में सदस्यों से चर्चा में हिस्सा लेने और सदन चलने देने की अपील की थी।
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