भारतीय सशस्त्र बल बदलाव की दहलीज पर हैं : जनरल रावत

Last Updated 12 Feb 2020 03:09:29 PM IST

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल बदलाव की दहलीज पर हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के सामने अब भी छद्म युद्ध और सीमा पार आतंकवाद जैसी अहम सुरक्षा चुनौतियां हैं।


प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने इस आलोचना को भी खारिज किया कि सशस्त्र बल जम्मू-कश्मीर में लोगों के अधिकारों का दमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत और आतंकवाद के खतरों पर विचार करते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।      

भारत में कट्टरपंथी सोच बदलने वाले शिविर होने संबंधी विवादित टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका मतलब था कि लोगों का उनके विचारों के आधार पर वर्गीकरण और युवाओं की कट्टरपंथी सोच को बदलने के अथक प्रयासों के प्रभाव का मूल्यांकन।      

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने शिविर कहा तो मेरा मतलब लोगों के समूह से था।’’ पिछले महीने रायसीना संवाद में अपने संबोधन में जनरल रावत ने कहा कि देश में कट्टरपंथी सोच बदलने के शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह पूरी तरह से कट्टरपंथी हो चुके लोगों को अलग करने के लिए आवश्यक है।      

उन्होंने कहा कि 10 और 12 साल की आयु की लड़कियों और लड़कों को घाटी में कट्टरपंथी बनाया जा रहा है। इसे चिंता का विषय बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में कट्टरपंथी सोच को बदलने वाले शिविर चल रहे हैं।’’      

उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिवेश के बारे में जनरल रावत ने कहा कि पश्चिम एशिया की तरह भारत के निकट पड़ोसियों से इतर घटनाएं देश के सुरक्षा हितों से टकरा सकते हैं।      

जनरल रावत ने टाइम्स नाऊ समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत को वैिक शांति के संदर्भ में बड़ी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। हमें अपना प्रभाव बढाना होगा।’’      

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रमुख रक्षा अध्यक्ष का पद सृजित करने से नौकरशाही की एक और परत बनी है, इस पर पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि यह लंबे समय से अटका प्रस्ताव था, जिसका मकसद तीनों सेनाओं के कामकाम में ज्यादा एकीकरण सुनिश्चित करना है।      

उन्होंने कहा कि सीडीएस और रक्षा सचिव दोनों की जिम्मेदारियां स्पष्ट हैं और दोनों सेना में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए आपसी समन्वय के साथ काम करेंगे।      

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बल बदलाव के मोड़ पर हैं। अगर हम युद्ध के भविष्य को देखे तो सेना को और मजबूत करना होगा। हमारी प्राथमिकता गुणवत्ता है, न कि संख्या।’’      

जनरल रावत ने अलग लॉजिस्टिक कमांड के साथ-साथ वायु रक्षा कमांड की योजनाओं के बारे में भी बात की।  

   

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर होगा।’’      

सीडीएस ने यह भी कहा कि सशस्त्र बल चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।

भाषा
नयी दिल्ली


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