उमर अब्दुल्ला की बहन ने शीर्ष अदालत का किया रुख, पीएसए के तहत हिरासत को दी चुनौती
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की है, जिसपर शीर्ष अदालत विचार करने के लिए सहमत हो गई है।
सारा ने उमर को पांच फरवरी को पीएसए के अंतर्गत रखने के आदेश को असंवैधानिक बताया और कहा कि यह मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।
सारा अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में कहा, "जब उनके भाई रिहा होने वाले थे तो याचिकाकर्ता को अचानक से उनके जन सुरक्षा कानून (जिसमें उनके पिता फारुक अब्दुल्ला भी हिरासत में हैं) के प्रावधानों के अंतर्गत फिर से हिरासत में रखे जाने का पता चलता है। उमर पिछले कई महीनों से पूरी तरह बंद राज्य में हिरासत में हैं।"
सारा ने सुप्रीम कोर्ट से सबद्ध प्रशासन को बंदी प्रत्यक्षीकरण कराने का आग्रह किया।
उमर अब्दुल्ला पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से श्रीनगर के हरि निवास में हिरासत में हैं।
उमर अब्दुल्ला के खिलाफ छह फरवरी 2020 को पीएसए के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था, जब छह महीने हिरासत में रहने के बाद वह रिहा होने वाले थे।
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