कांग्रेस के लिए गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिए जिंदगी हैं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आपके लिये महात्मा गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिये गांधी जी जिंदगी हैं।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जो कुछ भी हुआ, ‘‘राजनीति के तराजू से तौलकर और आधे-अधूरे मन से किया गया’’ जबकि उनकी सरकार ने चुनौतियों को चुनौती देते हुए समस्याओं का समाधान निकालने के लिये दीर्घकालिक नीति के तहत काम किया जिससें अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी और वित्तीय घाटा और महंगाई स्थिर रही।
मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है। इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है। चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, ‘‘हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता।’’
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम भी आप लोगों के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता। आपके तौर तरीके से चलते तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती।’’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर वह उनकी सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती, करतारपुर साहिब गलियारा कभी नहीं बन पाता और भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के रास्ते पर हम चलते, तो देश 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का और 35 साल बाद भी अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान का इंतजार करता रहता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता और 20 साल बाद भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो पाती।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आपके लिये (कांग्रेस) (महात्मा) गांधी जी ट्रेलर हो सकते हैं, हमारे लिये गांधीजी जिंदगी हैं।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के तीसरे दशक में माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा और प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है।
मोदी ने कहा कि हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि देश की जनता ने इसे देखा और देखने के बाद, उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए हमें फिर से सेवा का मौका दिया। अगर ये तेज गति न होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक खाते इतनी जल्दी नहीं खुलते।
उन्होंने कहा कि अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते। 13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता। दो करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते। लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता।
मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर में पिछले पांच साल में जो दिल्ली उन्हें दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है। चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाईअड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, ये सब करने का हमने प्रयास किया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बोडो जनजाति की चर्चा में कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पहले जो कुछ भी हुआ, राजनीति के तराजू से तौलकर किया, जो भी किया आधे-अधूरे मन से किया गया। पहले समझौते तो हुए, फोटो भी छप गई, लेकिन कागज पर किये समझौते से बोड़ो जनजाति के लोगों का भला नहीं हुआ।’’
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा, "एक काम न करेंगे और न होने देंगे.. वह है आपकी बेरोजगारी, इसे खत्म नहीं होने देंगे।"
मोदी ने कहा, "कुछ माननीय सदस्य कहते हैं कि ये काम क्यों नहीं हुआ, कब तक करेंगे, कब होगा, कैसे होगा। तो कुछ लोगों को लगता है कि आप आलोचना करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि आप आलोचना करते हैं। मुझे खुशी है कि आप मुझे समझते हैं, आपको भी पता है कि करेगा तो ये ही करेगा।"
सीएए से किसी का नुकसान नहीं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुये गुरुवार को भरोसा दिलाया कि इससे देश के किसी भी अल्पसंख्यक नागरिका का कोई नुकसान नहीं होगा।
मोदी ने कांग्रेस और उसके शासनकाल पर जोरदार हमला करते हुए मुख्य विपक्षी दल को 1947 में देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘‘किसी को प्रधानमंत्री बनना था इसलिए हिंदुस्तान के ऊपर एक लकीर खींची गयी और देश का बंटवारा कर दिया गया।’’ उनका इशारा पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तरफ था।
प्रधानमंत्री ने करीब 100 मिनट के अपने जवाब में ज्यादातर समय सीएए के बारे में बात की। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि इस कानून से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अल्पसंख्यकों को इससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।’’
मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष पर इस कानून को लेकर काल्पनिक भय पैदा करने और पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया और कहा कि भारत के मुसलमानों को गुमराह करने के लिए पाकिस्तान ने हर खेल खेला। अब उसकी बात नहीं बढ़ पा रही तो लोगों ने जिनको सत्ता के सिंहासन से घर भेज दिया वे उसी की भाषा बोल रहे हैं।
उन्होंने 1984 के सिख दंगों के लिए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा, ‘‘कांग्रेस को 1984 के सिख दंगे याद हैं? क्या वे अल्पसंख्यक नहीं थे। दंगे भड़काने के आरोपियों को मुख्यमंत्री बना देते हैं। विधवाओं को न्याय के लिए तीन-तीन दशक तक इंतजार करना पड़ा। क्या वे अल्पसंख्यक नहीं हैं। क्या अल्पसंख्यक के लिए दो-दो तराजू होंगे?’’
मोदी ने पं. नेहरू के पत्रों और सदन में उनके वक्तव्यों का हवाला देते हुये कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पहले प्रधानमंत्री नेहरू भी इस तरह के सीएए जैसे कानून के पक्ष में थे।
उन्होंने सवाल किया कि 1950 के नेहरू-लियाकत समझौते में पं. नेहरू ने ‘अल्पसंख्यक’ शब्द क्यों इस्तेमाल होने दिया। उस समय उन्होंने ‘सारे नागरिक’ का इस्तेमाल क्यों नहीं किया। इस समझौते में कहा गया था कि दोनों देश एक-दूसरे के यहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार नहीं होने देंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1949 में पं. नेहरू ने असम के मुख्यमंत्री गोपीनाथ बादरेलोई को पत्र लिखकर कहा था कि हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम प्रवासियों में फर्क करना ही होगा। देश को शरणार्थियों की जिम्मेदारी लेनी ही होगी।
मोदी ने कहा कि बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गये स्वतंत्रता सेनानियों भूपेंद्र कुमार दत्त और जोगिन्द्र नाथ मंडल ने भी पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार की बात कही थी और बाद में उन्हें वापस भारत आना पड़ा था।
उन्होंने कहा पाकिस्तान में आजादी के समय अल्पसंख्यकों की जो स्थिति वह आज भी वैसी ही है। इतने दशकों के बाद भी पाकिस्तान की सोच नहीं बदली है और वहां हिंदुओं, सिखों और दूसरे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा है। इसलिए सरकार को यह कानून लाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस जैसे दलों ने जिस दिन देश के लोगों को हिंदू-मुस्लिम की बजाय भारतीयों को भारतीयों की नजर से देखना शुरू किया उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा।
उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कि इन दलों ने सीएए का विरोध किया। यदि वे विरोध नहीं करते तो देश को उनका असली रूप देखने का मौका नहीं मिलता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘पब्लिक’ सब जानती है। पिछले दिनों जिस तरह की भाषा बोली गयी, जिस तरह के भाषण दिये गये, सदन के नेता भी वहां पहुंच गये, वह बहुत अफसोस की बात है।
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