सावरकर : भाजपा ने शिवसेना पर बोला हमला, मायावती कांग्रेस पर गरम
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी ‘मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं’ वाली टिप्पणी के लिये बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस (file photo) |
संवाददाताओं से बात करते हुए फडणवीस ने यहां यह घोषणा भी की कि भाजपा प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा रविवार को दी गई चाय पार्टी का भी बहिष्कार करेगी। फडणवीस ने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर पर टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। ऐसा लगता है कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के भारतीय इतिहास का अध्ययन नहीं किया है।
दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपनी ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी के लिये माफी मांगने की भाजपा की मांग को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम राहुल गांधी है, राहुल सावरकर नहीं, और वह सच बोलने के लिये कभी माफी नहीं मांगेंगे।
फडणवीस ने शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत की उस टिप्पणी के लिये शिवसेना को आड़े हाथों लिया कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू का सम्मान करती है और कांग्रेस को सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा लगता है कि नेहरू और गांधी का सम्मान करके शिवसेना कांग्रेस के साथ किसी तरह का व्यापार कर रही है। शिवसेना महाराष्ट्र में सत्ता के लिये बेबस है।
नागरिकता कानून सावरकर के विचारों के खिलाफ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि नया नागरिकता कानून हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर के विचारों के खिलाफ है। प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम दरअसल महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे असल मुद्दों से ‘ध्यान भटकाने’ के लिए उठाया जा रहा है।
धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर
बसपा प्रमुख मायावती ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर रविवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला किया और कहा कि धर्मनिरपेक्षता को लेकर देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। उन्होंने रविवार को ट्वीट किया कि ‘शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार का साथ दिया। अब शिवसेना को सावरकर को लेकर भी कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है, तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है।
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