केन्द्रीय टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का लिया जायजा

Last Updated 26 Aug 2019 09:40:05 AM IST

देश में भारी बारिश के कारण आए बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित 12 राज्यों में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अलग-अलग केंद्रीय टीमों का गठन किया गया है और इन टीमों ने प्रभावित इलाकों में हुए जान-माल के नुकसान का जायजा लेना भी शुरू कर दिया है।


(फाइल फोटो)

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब सरकार को बताया कि बाढ़ग्रस्त 11 राज्यों के अलावा केंद्रीय टीम पंजाब आकर भी बाढ़ से हुए नुकसान का मूल्यांकन करेगी। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र से टीम भेजने की गुहार लगायी थी।

गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (प्रशासन) श्री प्रकाश के नेतृत्व में सात सदस्यीय केंद्रीय टीम अभी कर्नाटक के दौरे पर है जबकि केंद्र ने पंजाब में आए बाढ़ से हुए नुकसान के लिए अलग से केंद्रीय टीम भेजने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा अन्य प्रभावित राज्यों के लिए भी अलग-अलग केंद्रीय टीमों का गठन किया गया है। 

कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित जिलों के दौर पर शनिवार को बेंगलुरु पहुंची सात सदस्यीय केंद्रीय टीम ने बाढ़ और बारिश से बुरी तरह प्रभावित बेलगावी जिले का रविवार को दौरा किया। श्री प्रकाश की अगुवाई में टीम ने चिक्कोडी, कागवाड और अन्य स्थानों में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और खड़ी फसलों, स्कूल भवनों, आंगनबाड़ी भवनों, क्षतिग्रस्त घरों और सड़कों के नुकसान का जायजा लिया।

श्री प्रकाश ने प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद संवाददाताओं से कहा कि राज्य में बेलगावी जिला बाढ़ और बारिश से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है और उनका मुख्य उद्देश्य  प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाना सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे जिले में कृष्णा बेसिन के आस-पास के इलाकों में गन्ने की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। राज्य और जिला प्रशासन ने लोगों और जानवरों को बचाकर और लोगों का पुनर्वास कर अच्छा कार्य किया है।’’

उपायुक्त एस. बी बोम्मानहल्ली और अन्य अधिकारियों ने नुकसान के बारे में केन्द्रीय टीम को जानकारी दी। श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से नुकसान के बारे में जानकारी मिलने के बाद केन्द्रीय टीम गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर एक अन्य केंद्रीय टीम सत्यापन के लिए लिए यहां आएगी और इसके बाद अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा राज्य में विशेष रूप से बेलगावी और अन्य जिलों में बाढ़ की गंभीर स्थिति है।

श्री प्रकाश ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार सोमवार को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

श्री प्रकाश से यह सवाल पूछा गया कि जब केन्द्रीय वित्त और गृह मंत्री पहले ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं तो अंतरिम राहत की घोषणा में देरी क्यों हो रही है, इस पर उन्होंने कहा कि कुछ प्रक्रियाओं का पालन करने की जरूरत है और उनकी राहत को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है और कुछ दिशानिर्देशों के अनुसार ही इसे जारी किया जाएगा।

इस बीच देश के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 386 लोगों की मौत हुई है जबकि 23 अन्य लापता हैं।

इस वर्ष बारिश और बाढ़ से उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं जबकि इससे पहले के दौर में हुई बारिश और बाढ़ से दक्षिण भारत के केरल और कर्नाटक सबसे गंभीर तौर पर चपेट में आये थे। हिमाचल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 63 लोगों और उत्तराखंड में 62 लोगों की मौत हुई है जबकि छह अन्य लापता हैं।

दक्षिण भारत के केरल में अब तक 125 लोगों की मौत हुई जबकि 17 लोग अब भी लापता हैं, कर्नाटक में 62, गुजरात में 35, महाराष्ट्र में 30, ओडिशा में आठ और आंध्र प्रदेश में नाव पलटने से एक लड़की की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से कम से कम आठ लोगों की जानें गयी हैं। 

उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारत-पाक सरहद पर फिरोजपुर जिले में टेंडीवाल गांव में बांध मजबूत करने के लिए जल स्रेत विभाग को सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाने के लिए कहा है। राज्य सरकार के बयान के अनुसार केंद्र से शनिवार को की गई अपील को स्वीकार करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाढ़ में हुए नुकसान का जायजा लेने वाली केंद्रीय टीम को पंजाब में भी भेजने का फैसला किया है।        

बयान के अनुसार इसी के साथ फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला और रोपड़ जिलों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की और जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव को टेंडीवाल के बांध की मजबूती का कार्य युद्ध स्तर पर किये जाने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ को टाला जा सके।

मुख्यमंत्री ने फिरोजपुर उपायुक्त को बाढ़ के साथ पैदा होने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को भी तैयार रखने के आदेश दिए।

इस बीच फिरोजपुर उपायुक्त के अनुसार मक्खू और हुसैनीवाला इलाकों के बाढ़ प्रभावित 15 गांवों से लगभग 500 व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया है जबकि 630 व्यक्तियों को अपेक्षित चिकित्सा सहायता मुहैया करवाई गई है। इसके अलावा लोगों को भोजन के 950 पैकेट मुहैया करवाने के साथ पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति के लिए भी उचित बंदोबस्त किये गए हैं।

जालंधर में मोबाईल टीमों ने बाढ़ प्रभावित गांवों में 389 परिवारों की देखभाल की है। इसी तरह इन टीमों ने अन्य 665 मरीजों को ओपीडी में इलाज मुहैया करवाया गया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब तक 4600 व्यक्ति चिकित्सा शिविरों में जा चुके हैं। कोई 31 व्यक्तियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में से निकाल कर राहत शिविरों में ले जाया गया है।

जालंधर में स्थानीय निवासियों, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जिला प्रशासन ने मायो साहिब और मियोवाल गांव में सतलुज दरिया में दो बड़ी दरारें भर दी हैं जबकि फिल्लौर के भोवाहारी सेलकियाना और शाहकोट में जानियां चाहल गांवों में पड़ी दरारें भरे जाने का काम मुकम्मल होने के करीब है।

कैप्टन सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक हजार करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है जबकि अनुमान है कि राज्य में 1700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

वार्ता
नयी दिल्ली


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