उत्तर भारत में बारिश का कहर; दिल्ली में बाढ़ का खतरा, अगला 24 घंटे चिंताजनक

Last Updated 20 Aug 2019 11:32:34 AM IST

हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को आठ लाख से अधिक क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा में नदी तट के आस-पास के इलाकों में छह सालों के बाद बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।


हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पिछले 40 सालों में सबसे अधिक आठ लाख से अधिक क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद दिल्ली और हरियाणा में नदी तट के आस-पास के इलाकों में छह सालों के बाद बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है तथा अगले 24 घंटे चिंताजनक रहेंगे।



इस बीच हिमाचल प्रदेश,पंजाब और उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में हुई भारी बारिश और बादल फटने के कारण आई बाढ़ तथा भूस्खलन की घटनाओं में 42 लोगों की मौत के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या 313 पहुंच गयी है जबकि 47 अन्य लापता हैं।

हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस पानी को दिल्ली पहुंचने में 36 से 72 घंटे का समय लगेगा। इस प्रकार बुधवार की सुबह यमुना के जलस्तर के अपने अधिकतम स्तर तक पहुंचने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार रात आठ बजे तक यमुना का जलस्तर 205.50 मीटर था और आज यमुना का जलस्तर 207 मीटर तक जाने की उम्मीद है।

 

दिल्ली में बाढ़ के खतरे का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के साथ उत्पन्न होने वाली स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि जान-माल का नुकसान नहीं हो, इसके लिए हरसंभव उपाय किए जायें।

मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था जिससे जल स्तर 207.32 मीटर तक पहुंच गया था।

 

केजरीवाल ने कहा कि यमुना की तलहटी में बसें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने तलहटी में बसे लोगों से कहा कि वह घबरायें नहीं और सुरक्षित स्थानों पर चले जायें। प्रशासन ने लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उनके रहने के लिए बड़ी संख्या में तंबू का प्रबंध किया है। कुल 23860 लोगों को निकालना है। इनके लिए 2120 तंबुओं का प्रबंध किया गया है। पानी बुधवार तक पूरी रफ्तार के साथ दिल्ली पहुंच सकता है।

प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति में किसी प्रकार की सहायता के लिए दो टेलीफोन नंबर 01122421656 और 011 21210849 भी जारी किए हैं।

पिछले तीन दिनों के दौरान हिमाचल, पंजाब और उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने के कारण बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आकर 42 लोगों की मौत हो गयी। हिमाचल और पंजाब में 30 लोगों तथा उत्तराखंड में 14 लोगों की मौत हो गयी जबकि पांच अन्य लापता हैं।

देश के विभिन्न  राज्यों में बाढ़ की स्थिति में अब तेजी से सुधार हो रहा है और सेना विभिन्न एजेंसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई है। 

बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण विभिन्न राज्यों में कई लाख लोग प्रभावित हुये हैं लेकिन पानी घटने पर लोग राहत शिविरों से अपने-अपने घर लौटने लगे हैं। अधिकांश लोग अपने पुनर्वास के काम में जुट गये हैं।

केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण सबसे अधिक नुकसान हुआ है। केरल में अब तक 115, कर्नाटक में 62, गुजरात में 35, महाराष्ट्र में 30, उत्तराखंड और ओडिशा में आठ-आठ तथा हिमाचल प्रदेश में दो तथा आंध्र प्रदेश में नाव पलटने से एक लड़की की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से कम से कम आठ लोगों जान गयी हैं।

उत्तराखंड, केरल और कर्नाटक में भारी बारिश एवं बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद से 47 लोग अब भी लापता हैं। उत्तराखंड में पांच लोग लापता हैं जबकि केरल में 27 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, वहीं कर्नाटक में 15 लोग लापता हैं।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण यमुना नदी के उफान पर है और हरियाणा में यमुना के साथ सटे जिलों के गांवों को खाली करा लिया गया है।

सोनीपत जिला के उपायुक्त डॉ. अंशज सिंह ने एहतिहाती तौर पर मनौली टोंकी तथा गढी असदपुर गांव को खाली करवा लिया है। वह स्वयं प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ मनौली टोंकी गांव में डेरा डाले हुये हैं। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। दिल्ली सरकार को इसकी सूचना दी जा चुकी है। राज्य की कई छोटी नदियां तथा नाले उफान पर हैं।

डॉ. सिंह ने मनौली टोंकी गांव में ग्रामीणों को हिम्मत बंधाते हुये कहा कि हथनीकुंड बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने की वजह से गांव में किसी भी समय अधिक मात्रा में पानी प्रवेश कर सकता है, इसलिए तटबंध के अंदर के सभी गांवों को तत्काल खाली करवा लिया गया है। हथिनीकुंड बैराज से कल आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ की आशंका है।

उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों की सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। इस दौरान हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन कृष्णा गहलावत भी गांव में पहुंची। इस मौके पर एसडीएम विजय सिंह, डीआरओ ब्रमप्रकाश अहलावत, तहसीलदार विकास कुमार तथा नायब तहसीलदार हवा सिंह सहित गांव के सभी लोग मौजूद थे।

हिमाचल प्रदेश ,पंजाब तथा हरियाणा में पिछले तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश ने कहर बरपाया जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गयी तथा फसलों और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ।

सतलुज तथा ब्यास नदी के जलग्रहण क्षेत्रों और पश्चिमोत्तर में तीन दिनों में हुई भारी बारिश के चलते भाखड़ा बांध का जलस्तर खतरे के निशान के निकट पहुंचते ही बांध से पानी छोड़े जाने तथा भारी बारिश के कारण पंजाब में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं। किसानों की लहलहाती फसलें तबाह हो गयीं और लोग बेघर हो गये।
पिछले तीन दिनों में हिमाचल में भारी बारिश, नदियों के उफान पर होने, भूस्खलन और मकान गिरने के कारण कम से कम 30 लोगों की मौत हो गयी है और पर्यटकों सहित हजारों लोग रास्ते में फंसे हुये हैं। करीब 900 के आसपास छोटे बड़े रोड बंद हैं। कई पुल नदियों के प्रवाह में बह गये। पंजाब में मकान गिरने से लेकर वष्रा जनित घटनाओं में कम से कम दस लोगों की मौत हो गयी है। चंडीगढ़ में सुखना झील का जलस्तर खतरे के निशान से कम रहा लेकिन यदि इसी तरह बारिश जारी रहती तो उसके गेट भी खोलने पड़ सकते हैं।

मौसम केन्द्र के अनुसार अगले दो दिनों में क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बारिश होने के आसार हैं।

 

वार्ता
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment