लोस चुनाव जीतने के मकसद से किया एयर स्ट्राइक : अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने लोकसभा चुनाव जीतने के ‘एकमात्र उद्देश्य’ के साथ पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले के आदेश दिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (file photo) |
श्रीनगर से सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सभी मोचरे पर ‘विफल’ रही और यह पूरी तरह माना जा रहा था कि चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ लड़ाई या टकराव होगा ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ‘अवतार’ के रूप में सामने आए, जिसके बिना भारत का गुजारा हो ही नहीं सकता।
उन्होंने कहा, ‘यह एयर स्ट्राइक पूरी तरह से चुनाव के लिए, केवल चुनाव के उद्देश्य से की गई। हमने करोड़ों रुपए मूल्य का विमान गंवा दिया। शुक्र है कि भारतीय वायु सेना का पायलट जीवित बच गया और सम्मान के साथ पाकिस्तान से लौट आया।’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘संसद में हमें पता है कि वे सभी दूसरे मोचरें पर विफल हो गए और कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लड़ाई या टकराव होगा ताकि वह एक तरह का ‘अवतार’ बन जाए जिनके बिना भारत चल ही नहीं सकता। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं वह या मैं रहे या ना रहे, भारत जिंदा रहेगा और आगे बढ़ता रहेगा।’ नेकां अध्यक्ष ने कहा कि चुनावों में भाजपा को मदद देने के लिए डर का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत करने के अलावा कोई दूसरा तरीका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वे (नई दिल्ली) इस कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में लाए। अब कई देश भारत और पाकिस्तान को कश्मीर पर बातचीत करने के लिए राजी करने में शमिल हैं और वे अपने आप को इसमें शामिल रखेंगे, क्योंकि यह आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’
राज्य में विधानसभा चुनाव में देरी के भारत के निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर में केंद्र द्वारा ‘उपद्रव’ की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने कोई शैतानी करने की सोची होगी इसलिए चुनाव टल गए। मुझे समझ नहीं आता कि जब हजारों लोगों ने पंचायत और नगर निगम चुनावों में भाग लिया तो उन्हें अब क्या खतरा लगता है जब बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं और वे राज्य के हर नुक्कड़ और कोने में मौजूद हैं।’ अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के पक्ष में है और अब जनता को समझना चाहिए कि उनका मकसद क्या है। उन्होंने कहा कि अगर निर्वाचन आयोग कह रहा है कि माहौल लोकसभा चुनाव के अनुकूल है तो विधानसभा चुनाव के लिए अनुकूल क्यों नहीं है?
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