एच एस ब्रह्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला
हरि शंकर ब्रह्मा ने शुक्रवार को देश के 19वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि उनकी प्राथमिकता और मिशन दिल्ली विधानसभा के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है.
![]() एच एस ब्रह्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला. |
निर्वाचन सदन में मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार संभालने के बाद ब्रहमा ने कहा, ''मेरी पहली प्राथमिकता और 'मिशन अब्जेक्टिव' यह सुनिश्चित करना है कि हम पूर्णत: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से दिल्ली विधानसभा के चुनाव करायें..दुनिया देख रही है कि दिल्ली में हम क्या कर रहे हैं.''
ब्रहमा ने मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर वी एस संपत का स्थान लिया है जो कल पद मुक्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग में दीर्घकालिक लक्ष्य होगा उत्कृष्टता प्रदान करना. उन्होंने कहा, ''दूसरे शब्दों में, हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम हर क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का प्रयास करें.''
नये मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि चुनाव प्रबंधन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना उनका व्यक्तिगत प्रयास रहेगा.
उन्होंने कहा कि 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर चुनाव आयोग राष्ट्रव्यापी इलेक्ट्रानिक रौल मैनेजमेंट सिस्टम (ईआरएमएस) का शुभारंभ करेगा जो देशव्यापी मतदाता सूची प्रदान करेगा और मतदाताओं को अपना ब्यौरा देखने के लिए सक्षम बनायेगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एनआरआई मतदाताओं को मतदान का अधिकार मुहैया कराने का बुनियादी कार्य करेगा.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के आंध्र प्रदेश कैडर के 1975 बैच के अधिकारी ब्रहमा असम के रहने वाले हैं. 64 वर्षीय ब्रहमा का मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल 19 अप्रैल तक तकरीबन तीन महीने का होगा, जब वे 65 वर्ष के हो जायेंगे. संविधान के मुताबिक इस पद पर काम करने के लिए यह उम्र की अधिकतम सीमा है.
चुनाव आयोग में शामिल होने से पहले ब्रहमा केन्द्र में ऊर्जा सचिव थे. उन्होंने 25 अगस्त 2010 को चुनाव आयुक्त के रूप में अपना पदभार संभाला था. जे एम लिंगदोह के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त बनने वाले ब्रहमा पूर्वोत्तर के दूसरे अधिकारी हैं.
ब्रहमा को गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. चुनाव आयुक्तों के बीच जो सबसे वरिष्ठ होते हैं उसे मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने की परंपरा रही है.
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