जाधवपुर यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न की जांच के लिए कुलपति का घेराव, 35 छात्र गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल की जाधवपुर यूनिवर्सिटी का कैंपस जंग के मैदान में तब्दील हो गया है.
जाधवपुर यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो) |
बुधवार तड़के भारी पुलिस बल ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार को छात्रों से मुक्त करा लिया और 35 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया.
छात्रों ने कैंपस में एक छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न मामले में एक नयी जांच समिति की मांग करते हुए कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती और रजिस्ट्रार प्रदीप घोष का घेराव किया था.
पुलिस ने बताया कि बल कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव कर रहे छात्रों को हटाने में सफल रहा. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष हुआ, लेकिन पुलिस कार्रवाई के दौरान किसी के घायल होने की खबर नहीं है.
घेराव हटाए जाने के तुरंत बाद छात्रों ने नजदीक के जाधवपुर पुलिस थाने को घेर लिया और अपने साथियों को रिहा करने की मांग की.
परिसर में और एससी मलिक रोड के आसपास के क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया और छात्र पुलिस थाने के सामने एकत्र हो गए. इससे यातायात जाम हो गया था.
मुझे जान का खतरा था: कुलपति
छात्रों के कब्जे से मुक्त कराए गए जाधवपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें अपने जीवन का खतरा था और अगर पुलिस नहीं आती तो उन्हें मार दिया जाता.
यूनिवर्सिटी कैंपस में एक छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रही समिति में दो बाहरी सदस्यों को शामिल करने की मांग को लेकर छात्रों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को बंधक बना लिया था.
चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर पुलिस नहीं आती तो मैं उनके हाथों मारा जाता। वे हम पर हमला कर रहे थे और मुझे डर था कि हमें मार दिया जाएगा.’’
कैंपस में बिताए भयावह समय की याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास उन्हें, रजिस्ट्रार प्रदीप घोष और कार्यकारी परिषद के अन्य सदस्यों की रक्षा के लिए पुलिस को बुलाने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं था.
कुलपति ने कहा कि छात्र गाली दे रहे थे और शाम 4 बजे के बाद कार्यालय नहीं छोड़ने देने के कारण वह बीमार पड़ गए.
चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हमने उनसे कहा कि हमें जाने दें, लेकिन वे नहीं माने और इसलिए मैं पुलिस बुलाने को विवश हो गया. जब पुलिस ने मुझे कार्यालय से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि छात्र मुझ पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे.’’
बातचीत से सुलझ सकता है गतिरोध: मंत्री
पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार छात्रों की अनुशासनहीनता को नहीं सहेगी और जाधवपुर यूनिवर्सिटी गतिरोध बातचीत से सुलझ सकता है.
चटर्जी ने कहा कि छात्रों को अपनी मांगें लोकतांत्रिक ढंग से रखनी चाहिए और घेराव नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आंदोलनकारी छात्र चाहते हैं तो वे भी सरकार से बात कर सकते हैं.’’
घेराव को खत्म करने के लिए पुलिस के कथित लाठीचार्ज के बारे में एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि कुलपति अभिजीत चक्रवर्ती ने घेराव को खत्म कराने और यूनिवर्सिटी की संपत्ति की सुरक्षा के लिए पुलिस से मदद मांगी थी.
उन्होंने पूछा, ‘‘मैं इस मामले में क्या कर सकता हूं ?’’
पुलिस ने कुलपति और रजिस्ट्रार का घेराव कर रहे छात्रों को जबरन हटा दिया और 35 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया.
छात्र इस महीने के शुरू में लड़कों के हॉस्टल में एक लड़की के कथित यौन उत्पीड़न मामले में नयी जांच समिति की मांग कर रहे थे.
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