बुद्ध के छठी सदी ईसापूर्व में होने की संभावना
सबसे पुराने ‘मंदिर’ की खोज के बाद बुद्ध के छठी सदी ईसापूर्व में होने की संभावना है.
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पुरातत्वविदों ने नेपाल स्थित बुद्ध की जन्मस्थली में सबसे पुराने ‘बौद्ध मंदिर’ की खोज की है.
जिससे लगता है कि बुद्ध अभी माने जा रहे उनके जन्म के समय से दो सदी पहले छठी सदी ईसा पूर्व में हुए थे.
नेपाल के लुम्बिनी में पवित्र माया देवी मंदिर में खुदाई के दौरान कई मंदिरों के ईंटों के नीचे छठी सदी ईसापूर्व की इमारती लकड़ी के एक ढांचे के अवशेष मिले हैं. लुम्बिनी यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त विश्व धरोहर स्थल है.
शोधकर्ता दल के नेतृत्वकर्ता ब्रिटेन के डरहम विविद्यालय के रोबिन कॉनिंगहम के अनुसार बुद्ध के जीवन से जुड़ी यह पहली पुरातात्विक वस्तु है और इस तरह बौद्ध धर्म के एक विशेष सदी में फलने फूलने के पहले प्रमाण मिले हैं.
लकड़ी का यह ढांचा मध्य में खुला हुआ है जिसका जिक्र बुद्ध से जुड़ी प्राचीन कहानी में भी है. कहानी के अनुसार बुद्ध की मां माया देवी ने लुम्बिनी बाग में बुद्ध को जन्म देते समय एक पेड़ की टहनी पकड़ी हुई थी.
शोधकर्ताओं को लगता है कि लकड़ी के बने मंदिर की खुली जगह में कोई पेड़ रहा होगा.
एन्टिक्विटी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भूपुरातात्विक अनुसंधान से मंदिर के बीचों बीच की खाली जगह में प्राचीन पेड़ की जड़ें होने की भी पुष्टि हुई है.
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