भारत में AI हृदय रोग उपचार में ला सकता है क्रांति: विशेषज्ञ

Last Updated 28 Oct 2024 11:35:14 AM IST

विशेषज्ञों का दावा है कि समय पर पहचान और व्यक्तिगत उपचार के साथ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भारत में हृदय रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)

भारत में हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जो चिंता का सबब है। यह देश में मृत्यु का प्रमुख कारण भी है।

मैक्स हेल्थकेयर में कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन बलबीर सिंह ने आईएएनएस से बताया कि एआई हृदय संबंधी किसी गड़बड़ी की भविष्यवाणी कर सकता है और इस तरह रोगियों की बड़ी मदद कर सकता है । यह आवाज और आंखों में होने वाले बदलावों को भी आसानी से पहचान सकता है, जो कोई अन्य तरीका या उपकरण नहीं कर सकता।

नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्डियोलॉजी एसयूएमएमए 2024 कार्यक्रम में सिंह ने कहा, "AI में हृदय रोग का पहले पता लगाने, उपचार योजनाओं को व्यक्तिगत बनाने और रोगी के परिणामों में सुधार करके कार्डियोलॉजी में क्रांति लाने की क्षमता है। बड़ी मात्रा में डेटा का त्वरित और सटीक विश्लेषण करने की क्षमता के साथ, AI चिकित्सकों को अधिक सूचित निर्णय लेने में सहायता कर सकता है, जिससे अधिक प्रभावी और समय पर इलाज संभव हो सकता है।"

इसके अलावा, कार्डियोलॉजी विशेषज्ञों ने उल्लेख किया कि AI भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित कर सकता है क्योंकि देश में बड़ी ग्रामीण आबादी है।

मेयो क्लिनिक के मेडिसिन के प्रोफेसर और कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष पॉल ए. फ्राइडमैन ने आईएएनएस को बताया, "AI भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए फायदेमंद हो सकता है, बड़ी ग्रामीण या दूरदराज की आबादी तक बेहतर इलाज मुहैया करा सकता है।"

फ्राइडमैन ने बताया कि चिकित्सा में एआई के तीन मुख्य कार्य हैं - यह ईसीजी या अन्य चिकित्सा निदान परीक्षणों को तेजी से पढ़ने में मदद कर सकता है और रोग की पहचान कर सकता है; यह पता लगा सकता है कि किस शख्स को अधिक उन्नत देखभाल की आवश्यकता है और भविष्य में होने वाली बीमारी की भविष्यवाणी कर सकता है।

मेयो क्लिनिक में कार्डियोलॉजी के उपाध्यक्ष और मेडिसिन के प्रोफेसर गुरप्रीत संधू ने भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास की सराहना की।

संधू ने आईएएनएस से कहा, "पिछले कुछ दशकों में भारत में स्वास्थ्य सेवा का आश्चर्यजनक रूप से विस्तार हुआ है। और विशेष रूप से महामारी के बाद से, विकास तेजी से हुआ है। नए अस्पतालों के निर्माण की संख्या और नई तकनीक, विशेष रूप से कार्डियोलॉजी में कम नहीं हैं। अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के साथ, मुझे लगता है कि भारत का भविष्य शानदार है।"

दो दिवसीय वैश्विक कार्डियोलॉजी शिखर सम्मेलन- 'कार्डियोलॉजी एसयूएमएमए 2024' में विश्व स्तरीय हृदय रोग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों ने कार्डियोलॉजी केयर में नवीनतम प्रगति, नवीन उपचार पद्धतियों और हृदय निदान और रोगी प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की भूमिका पर चर्चा की।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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